पटना/बिहार : पटना विश्वविद्यालय के प्रफेसर मटुकनाथ साल 2006 में खुद से 30 साल छोटी छात्रा जूली के साथ प्रेम संबंध को लेकर पूरे देश में चर्चा में आए थे। जूली मटुकनाथ के साथ 2007 से 2014 तक लिव इन रिलेशनशिप में भी रही, लेकिन इसके बाद वह पटना से चली गई। उस समय कहा गया था कि जूली और मटुक की पहली मुलाकात साल 2004 में हुई थी। मटुकनाथ पटना के बीएन कॉलेज में पढ़ाते थे और जूली उनकी छात्रा थी।मटुकनाथ ने शिष्या से प्रेम होने पर अपने बसे बसाए परिवार का साथ छोड़ दिया था। उधर जूली के परिवार वालों ने भी उससे रिश्ते तोड़ लिए थे। इस प्रेम संबंध का काफी विरोध हुआ था। यहां तक कि कुछ लोगों ने मटुकनाथ के मुंह पर कालिख तक पोत दिए थे। विवाद बढ़ने पर विश्वविद्यालय ने मटुकनाथ को निलंबित कर दिया था। इस घटना के बाद मटुकनाथ ‘लवगुरु’ नाम से चर्चित हो गए थे।
पटना की चर्चित प्रफेसर मटुकनाथ और उनकी शिष्या जूली लव स्टोरी में ट्विस्ट आ गया है। जूली के सहेली भोजपुरी गायिका देवी ने दावा किया है कि जूली त्रिनिदाद में हैं और बीमार हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लवगुरु मटुकनाथ जूली की मदद करने से कन्नी काट रहे हैं। देवी अब केंद्र और बिहार सरकार से जूली को भारत लाकर इलाज कराने की गुहार लगा रही हैं।
देवी ने बताया कि जूली ने उनसे छह महीने पहले मदद मांगी थी। इस दौरान उन्होंने कई लोगों से मदद मांगी, लेकिन जब कहीं कुछ नहीं हुआ, तब जाकर आज यह सच्चाई सामने ला रही हैं। देवी ने बताया, ‘मैंने जब जूली से संपर्क साधा तो उसने अपनी तस्वीर भेजकर मुझे अपनी हालत से वाकिफ कराया और भारत लाकर इलाज कराने की गुहार लगाई।’
इसके बाद देवी ने प्रफेसर मटुकनाथ पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘जिस व्यक्ति ने समाज से लड़कर, समाज के सामने खुलेआम प्यार किया और आज जब उसे इसकी जरूरत है तो कोई कैसे कह सकता है कि उसके पास पैसे नहीं हैं। मटुकनाथ ने जूली को भारत लाने से इनकार कर दिया और कहा, मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं।’ देवी का कहना है कि वह अब अपनी सहेली जूली को हर हाल में भारत लाएंगी और उसका इलाज करवाएंगी।देवी ने जूली की मदद के लिए मुख्यमंत्री नीतीश को पत्र लिखा है और विदेश मंत्रालय से भी गुहार लगाई है। उन्होंने मटुकनाथ के प्रेम को झूठा और ढोंग करार देते हुए कहा कि जिस लड़की ने प्रेम के खातिर सबकुछ त्याग दिया, आज इस हालत में मटुकनाथ ने उसका साथ छोड़ दिया है। पत्र में देवी ने लिखा है कि ‘जूली मानसिक और शारीरिक रूप से बीमार है।’ इस संबंध में जब मटुकनाथ से बात की गई तो उन्होंने कहा, ‘मैं कुर्बानी नहीं करता। कभी मैं त्याग की बात नहीं करता। सबके लिए यह दरवाजा खुला है। मैं प्यार की बात करता हूं।’