मधेपुरा : देश में बांटने की नहीं विकास की हो बात-राठौर

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वर्तमान पीढ़ी की जवाबदेही भविष्य को तबाह होने से रोके-राठौर

अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा का शाहीन बाग अनिश्चितकालीन धरना के माध्यम से सीएए, एनपीआर, एनआरसी जैसे सरकार के फैसलों का लगातार विरोध दर्ज करा रहा है। कई सौ की संख्या में महिलाएं लगातार अपनी मांगों के साथ जमी हैं। विभिन्न संगठनों व प्रतिनिधियों का लगातार समर्थन प्राप्त हो रहा है।

शनिवार को देर रात धरना को संबोधित करते हुए वाम छात्र संगठन ए आई एस एफ के राष्ट्रीय परिषद सदस्य सह राज्य उपाध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि देश में सिर्फ एक ही  दिल्ली का शाहीन बाग नहीं है, बल्कि सरकार कि नीति के खिलाफ पूरा देश शाहीन बाग बन गया है। यह लोकतांत्रिक आंदोलन इस बात को दर्शाता है कि जनता सरकार के फैसले से खुश नहीं है।

राठौर ने कहा कि भारत आज आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहा है। बड़ी संख्या में लोग बेरोजगार हो रहे हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं का स्तर निरन्तर गिरता जा रहा है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा नागरिकता से जुड़ी नीतियों को लागू करने की बात करना सरकार में दूरदर्शिता का अभाव दिखाता है। वक़्त की जरूरत है कि देश को कमजोर क्षेत्रों में मजबूत किया जाए न की अनावश्यक नीतियों को लागू करने की बात कर कुछ वर्गों को भयभीत किया जाए।

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वाम छात्र नेता राठौर ने साफ शब्दों में कहा कि मुल्क की जनता जगी है, इसे गुमराह नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि वर्तमान की जवाबदेही है कि  वर्तमान के साथ साथ भविष्य को तबाह होने से रोके। धरना को संबोधित करते हुए समाजसेवी बिमल यादव ने कहा कि यह देश का दुर्भाग्य है कि देश में विकास की जगह विनाश की लकीर खींची जा रही है। मधेपुरा का शाहीन बाग सरकार को आइना दिखा रहा है कि देश में सबकुछ ठीक नहीं। मो रहमान और नूर आलम ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि कुछ लोग आधा अधूरा इतिहास प्रस्तुत कर समाज को गुमराह कर रहे हैं इसे समझने की जरूरत है। मो शाहनवाज ने गीत के माध्यम से सरकार की नीतियों का विरोध किया।

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इस मौके पर धरना में भाग ले रही औरतों ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि यह कैसी सरकार है जिसके कान पर जूं तक नहीं रेंगता। अगर समय रहते सरकार सावधान नहीं हुई तो अंजाम बहुत भयानक होगा। धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में औरतों की भागीदारी लगातार जारी है।


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