मधेपुरा : सीएए, एनआरसी, एनपीआर के विरोध में जिला मुख्यालय में तारीखी मानव श्रृंखला

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : एनपीआर, एनआरसी एवं सीएए के खिलाफ वामदलों सहित इमारत-ए-शरिया के राज्यव्यापी आवाहन पर शनिवार को जिला मुख्यालय के विभिन्न चौक चौराहों एवं सड़कों पर बड़ी संख्या में लोगों ने मानव श्रृंखला में भाग लिया। मौके पर आंदोलनकारियों ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

देखें मानव श्रृंखला का वीडियो :

 मानव श्रृंखला में भाग ले रहे लोगों के हाथ में राष्ट्रीय झंडा, लाल झंडा एवं नागरिकता कानून एवं पंजी के खिलाफ हस्तलिखित पोस्टर लहरा रहे थे। काला कानून वापस लो, संविधान बचाओ, नागरिकता बचाओ, देश बचाओ के नारे से गुंजायमान हो रहा था। मौके पर मानव श्रृंखला कार्यक्रम का नेतृत्व कर रहे भाकपा की राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि हम इस काला कानून का विरोध इसलिए कर रहे हैं कि यह भारतीय संविधान के मूल्यों के खिलाफ है। भारत की मेहनतकश जनता, वंचितों, दलितों, आदिवासियों एवं अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को ध्वस्त करने की साजिश है। देश के करोड़ों बेघरों, निरीक्षकों एवं वंचितों का नागरिकता छीन ली जाएगी। उसे न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, शिक्षा, चिकित्सा, आरक्षण, नौकरी एवं वोट देने जैसे अधिकार समाप्त कर, जानवर जैसी अपमान की जिंदगी जीने को विवश किया जाएगा।

धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा बर्दाश्त : भाकपा नेता प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि हम इस विघटनकारी एवं गैर संविधानीक कानून को कतई स्वीकार नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोगों को बांटने, परेशान करने एवं देश तोड़ने के बजाय, गरीबी, बेरोजगारी, महंगाई, आर्थिक संकट एवं कृषि संकट जैसी समस्या का समाधान करें एवं इस काला कानून को वापस लें, अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे। भाकपा जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में सभी धर्मों एवं वर्गों के लोगों ने कुर्बानी दी है। यह देश तब का है। धर्म के आधार पर भेदभाव बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। भाकपा माले के जिला संयोजक रामचंद्र दास ने कहा कि जिसने स्वतंत्रता आंदोलन के साथ गद्दारी की, अंग्रेजों का चाटुकारिता किया, वह तय कर रहे हैं कि इस देश का नागरिक कौन रहेगा और कौन नहीं रहेगा। माकपा राज्य कमेटी सदस्य गणेश मानव ने कहा कि इस काला कानून के खिलाफ संघर्ष कर रहे लोग के साथ भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार तालिबानी कार्रवाई कर रही है। परंतु इससे हमारा आंदोलन नहीं रुकेगा। आंदोलन और तेज तथा उग्र होगा। माकपा जिला मंत्री मनोरंजन सिंह ने कहा कि यह लड़ाई हिंदू एवं मुसलमान का नहीं है। यह लड़ाई संविधान एवं लोकतंत्र की रक्षा करने की है।

जो हमें नागरिक नहीं मानेगा, उसे हम सरकार नहीं मानेंगे : हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के जिलाध्यक्ष किशोर कुमार मुन्ना ने कहा कि आज भाजपा वाले खान-पान एवं पोशाक के आधार पर पाकिस्तानी, अफगानिस्तानी एवं बांग्लादेशी करार दे रहे हैं, यह अपमान नहीं सहेंगे। किसान सभा के सचिव रमन कुमार ने कहा कि जो हमें नागरिक नहीं मानेगा, उसे हम सरकार नहीं मानेंगे। रजाउर रहमान महरु एवं मो मुस्तकीम ने कहा कि आंदोलनकारी महिलाओं का अपमान बंद करे सरकार, अन्यथा गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

मौके पर भाकपा के वरीय नेता शैलेंद्र कुमार, वीरेंद्र नारायण सिंह, मो जहांगीर, ललन कुमार मंडल, दिलीप पटेल, कृत्यानंद रजक, मो जमील, नवीन कुमार, एआईएसएफ जिलाध्यक्ष वसीम उद्दीन उर्फ नन्हे, युवा नेता मो सनाउल्लाह, जयप्रकाश यादव, सदानंद दास, माधो राम, अब्दुल कयूम, अताउर रहमान, इस्लाम, शिवकुमार, अफताब, फैजान हसन, रजाउर रहमान, माकपा नेता श्यामानंद गिरी, विमल विद्रोही, कृत नारायण यादव, राजदीप कुमार, संतोष मानव, विमल कुमार, चंद्र किशोर यादव, रामस्वरूप, माले नेता सीताराम रजक, साजदा खातून, सुमित्रा देवी, राजकुमार ऋषिदेव, सावित्री देवी, बुधिया देवी, ललिया देवी, अमनदीप कुमार, हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा नेता संतोष कुमार, शिव कुमार, अरविंद ऋषिदेव, संजय यादव, प्रभास कुमार, सुरेंद्र, राजकुमार, मंजू देवी, चंदन ऋषिदेव, अरविंद ऋषिदेव, संजय सदा, मो इरशाद समेत हजारों की संख्या में महिलाएं एवं पुरूष शामिल थे।


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