मधेपुरा/बिहार : मंगलवार को एनएसयूआई ने भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय परिषर स्थित महात्मा गांधी के प्रतिमा के समक्ष एनएसयूआई ज़िलाध्यक्ष निशांत यादव के नेतृत्व में दर्जनों छात्र ने संविधान की प्रस्तावना पढ़कर प्रण लिया कि देश के संविधान और राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिये आखिरी दम तक आवाज उठायेंगे।
एनएसयूआई ज़िलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि आज पूरा देश जल रहा है, लोग अपने घरों से निकलकर सड़कों पर है, लेकिन मोदी सरकार सत्ता की सनक में मस्त है। सीएए देेश की एकता, भाईचारा एवं संविधान के मूल भावना को आहत करने वाला काला कानून है। निशांत यादव ने कहा कि देश की बड़ी आवादी आज भी दो वक्त की रोटी मुश्किल से जुटा पाते हैं, ऐसे लोग कागजात कहां से लाएंगे? आदिवासी, गरीब किसान, मजदूर, दलित, झुग्गी-झोपड़ी एवं सड़क किनारे रहने वालों का क्या होगा? क्या वो कागजात उपलब्ध करवा पाएंगे? क्या वो इस देश के नागरिक नहीं हैं? बिहार समेत कई राज्य है, जो बाढ़ जैसी विभीषिका को हर वर्ष झेलता है, उनके घर एवं संपत्ति पानी में बह जाते हैं, फिर उनका क्या होगा?
निशांत यादव ने कहा कि आरएसएस देश के संविधान को नष्ट कर देना चाहता है एवं सीएए वो कानून है, जो संविधान के स्वरूप को नष्ट कर देगा। एनआरसी एवं एनपीआर के विरोध में विभिन्न दल एवं सामाजिक संगठन द्वारा सम्मिलित रूप से सामाजिक क्रांति संघ का निर्माण किया गया है। एनएसयूआई ज़िलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि सामाजिक क्रांति संघ देश, संविधान एवं आम-आवाम के मौलिक अधिकारों पर खतरा एवं सरकार की फुट डालो, राज करो कि नीति का पर्दाफाश करने के लिये गांव-गांव, गली-मोहल्लों में नुक्कड़ सभा एवंं जनसंपर्क अभियान कर लोगो को जागरूक करेगा।
एआईएसएफ छात्रनेता वासिमुद्दीन और एनएसयूआई नेता नीरज यादव ने कहा कि देश में आज मुख्य मुद्दा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं रोजगार है, लेकिन सरकार लोगों का ध्यान भटकाकर हिन्दू-मुस्लमान कर रहा है। सरकार अपनी नाकामी छुपा रहा है. संविधान विरोधी कानून के विरोध में चरणबद्ध एवं उग्र आंदोलन किया जाएगा, जब तक कि सरकार काला कानून को वापस नहीं ले लेता है।
मौके पर एनएसयूआई के नीतीश यादव, सौरव यादव, रितेश, विकाश, अमित, अशोक, रौसन राज, दिलखुश, राहुल यादव, बादल, सूरज, पलट,मिस्टर समेत अन्य छात्र उपस्थित थे।