
उप संपादक
मधेपुरा/बिहार : भारत देश में कृषि का महत्व है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। विशेषकर जिस परिस्थिति में हमारा राज्य उसमें भी विशेषकर मधेपुरा जिला का जो अर्थव्यवस्था है, उसके सामने कृषि की स्थिति यह किसी से छुपी हुई नहीं है। जलवायु परिवर्तन के कारण सभी लोग महसूस कर रहे हैं कि बारिश में जो अनियमितता है एवं फसल लगाने में सामंजस्य नहीं हो पा रहा है। फरवरी में अगर गर्मी जल्दी आ जाएगी तो कैसे गेहूं पर उसका दुष्प्रभाव पड़ेगा, जिसमें धान का रोपन किया जाता है, उस समय अगर बारिश ना हो तो क्या-क्या समस्याएं उससे आ सकती है, यह सभी लोग समझ रहे हैं। इन सभी बातों को आम लोग भी आम जीवन में महसूस कर रहे हैं।
उक्त बातें शुक्रवार को जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला ने कृषि यंत्रीकरण मेला के शुभारंभ के मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि एक सदियों से जो परंपरा चली आ रही है, जो हमारी आदतें हैं कि किस समय में हम फसल लगाएंगे या किस समय में हम सिंचाई करेंगे। इन सभी समस्याओं को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा जल जीवन हरियाली योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना की के अंतर्गत पांच जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का मधेपुरा में आगमन हुआ था तथा मधेपुरा में जो कार्य हो रहे हैं उनका निरीक्षण भी किया गया। इस मेले में आए हुए कृषि वैज्ञानिक, किसान एवं अन्य लोगों के माध्यम से यह अपील करूंगा कि कैसे हम लोग जलवायु परिवर्तन के बीच कृषि का सामंजस्य कर सकें।

जलवायु परिवर्तन से लड़ने के लिए लोगों का सहयोग है आवश्यक : कृषि निदेशक बिहार पटना के तत्वाधान में जिला कृषि विभाग के द्वारा संयुक्त कृषि भवन के प्रांगण में दो दिवसीय कृषि यंत्रीकरण मेला शुक्रवार से आयोजन किया गया। कृषि यंत्रीकरण मेला का उद्घाटन जिला पदाधिकारी नवदीप शुक्ला, जिला कृषि पदाधिकारी रामविलास मिश्रा, परियोजना निदेशक राजन बालन, सहायक विज्ञान उद्यान शत्रुघ्न साहू, वरीय वैज्ञानिक कृषि विज्ञान अनुसंधान केंद्र के निदेशक डॉ विपुल कुमार मंडल, वरीय वैज्ञानिक डॉक्टर मिथिलेश राय के द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। जिला पदाधिकारी ने कहा कि जैविक खेती की जो बात चल रही है, वह सिर्फ स्टॉल का शोभा बनकर ना रहे, बल्कि उसका प्रभाव बढ़ाना है। हमारा पड़ोसी राज्य इसका सबसे बड़ा उदाहरण है हमारा पड़ोसी राज्य सिक्किम पहला ऐसा राज्य है, जहां सिर्फ जैविक खाद का ही उपयोग किया जाता है। यह कार्य एक आदमी के पहल से नहीं हो सकता है। इसमें सभी लोगों का सहयोग आवश्यक है। जब तक हम अपने छोटे-छोटे हित त्याग कर, बड़े हित की ओर नहीं देखेंगे, तब तक हम सफल नहीं हो सकते हैं। हम लोग अपने नैतिक जिम्मेदारी और समाज के प्रति अपने कर्तव्य को समझें।
