मधेपुरा : चार श्रम कोड बिल लाकर मालिक प्रस्तुत कानून लागू करना चाहती है केंद्र सरकार – रामचंद्र दास

Sark International School
Spread the news

मो० नियाज अहमद
ब्यूरो, मधेपुरा

मधेपुरा/बिहार : केंद्रीय ट्रेड यूनियन के राष्ट्रव्यापी हड़ताल की क्रम में बिहार राज्य निर्माण कामगार यूनियन की जिला कमेटी सीटू के तत्वाधान में जिला मुख्यालय स्थित कला भवन परिसर से हजारों की संख्या में निर्माण कामगार, मजदूर एवं असंगठित क्षेत्र के मजदूर बिहार राज्य निर्माण कामगार यूनियन के बैनर तले रोड मार्च किया। यह मार्च कला भवन से निकलकर शहर के विभिन्न चौक चौराहों से गुजरती हुई समाहरणालय के समक्ष सभा में तब्दील हो गई।

देखें वीडियो :

 रोड मार्च का नेतृत्व बिहार राज्य निर्माण कामगार यूनियन के जिला सचिव गोविंद, जिला उपाध्यक्ष राजदीप कुमार, कोषाध्यक्ष संतोष साह, जिलाध्यक्ष प्रमोद राम ने संयुक्त रूप से किया। मौके पर जिला उपाध्यक्ष अनिलाल यादव ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार में निर्माण मजदूर की स्थिति काफी दयनीय है। जिला श्रम संसाधन विभाग के द्वारा बढ़ई मिस्त्री एवं राजमिस्त्री को आपदा विभाग से प्रशिक्षण की व्यवस्था की जाए। जिला उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि सरकार देश में सीएए एवं एनआरसी कानून लाकर देश में आम मजदूर-किसान, छात्र-नौजवान के बीच डर का माहौल बना दिया है। सरकार इस कानून को वापस लें तथा जेएनयू में बीते दिनों छात्रसंघ अध्यक्ष आयशा घोष एवं अन्य छात्रों पर हुए हमले की जांच कर न्याय दिलाएं। जिलाध्यक्ष प्रमोद राम ने कहा कि वर्तमान सरकार मजदूर विरोधी है। संतोष साह ने कहा कि सरकार समान काम का समान वेतन एवं लाभ दें। मौके पर संयुक्त सचिव विपिन राम, जिला उपाध्यक्ष अनिलाल यादव, रेखा देवी, शंभू शर्मा, भूदेव शर्मा, सुरेंद्र मंडल, दुखी तांती, राजीव कुमार, बीरबल चौपाल, मुन्ना कुमार, मंजू देवी, अमोद कुमार, अशोक राम, पवन राम, पारो देवी, पार्वती देवी, डब्ल्यू शर्मा, दिनेश यादव, योगेंद्र महतो, मो सगीर, शहाबुद्दीन, गोपाल तांती, कृष्ण कुमार शर्मा, इंदु देवी, विमल यादव, विजय कुमार, सनोज दास, धीरेंद्र दास, बबलू शर्मा, सुखो साहनी, रामप्रवेश राम, नथन यादव सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

विज्ञापन

निबंधन प्रक्रिया एवं अनुदान में बड़ी असमानता कायम करने का क्या है औचित्य : केंद्रीय ट्रेड यूनियन के संयुक्त तत्वाधान में जिले में एक्टू के सभी संगठन निर्माण मजदूर यूनियन, मनरेगा मजदूर सभा, घरेलू कामगार सहित असंगठित क्षेत्र के मजदूरों का एक विशाल प्रदर्शन कला भवन परिसर से निकलकर शहर के मुख्य मार्ग से गुजरते हुए कर्पूरी चौक पहुंचकर जाम में बदल गई. जिसके बाद सभा का आयोजन किया गया. सभा को संबोधित करते हुए एक्टू के जिला संयोजक रामचंद्र दास ने कहा कि निर्माण मजदूरों के कल्याण के लिए जो शेष वसूली होता है, वह निर्माण मजदूरों के संगठित संघर्ष एवं मांग के कारण ही केंद्र सरकार को उनके लिए सामाजिक सुरक्षा योजना के अंतर्गत अधिनियम एवं राज्य सरकार द्वारा नियमावली बनानी पड़ी है. देशभर के निर्माण मजदूर एक ही वर्ग के हैं एवं निर्माण कार्य में विभिन्न रूपों में अपने श्रम का उपयोग करते हैं. वसूले गए शेष में उन सभी के श्रम मूल्य का अंशदान शामिल है. तब विभिन्न राज्यों की नियमावली में बड़ी-बड़ी भिन्नता लाकर, निबंधन प्रक्रिया एवं अनुदान में बड़ी असमानता कायम करने का क्या औचित्य है.

विज्ञापन

चार श्रम कोड बिल लाकर मालिक प्रस्तुत कानून लागू करना चाहती है केंद्र सरकार : रामचंद्र दास ने कहा कि केंद्र सरकार 44 श्रम कानूनों को समाप्त कर, चार श्रम कोड बिल लाकर मालिक प्रस्तुत कानून लागू करना चाह रही है। कल्याण बोर्ड का त्रिपक्षीय स्वरूप कायम रखते हुए, ट्रेड यूनियनों को समुचित का महत्व दिया जाना चाहिए। शेष की प्रभावकारी वसूली किया जाए तथा एक प्रतिशत से बढ़ाकर तीन प्रतिशत किया जाए. राज्य सरकार भी कल्याण कोष में योगदान के लिए अपने बजट में प्रावधान करें तथा सभी असंगठित मजदूरों को इस योजना के तहत लाया जाए। निर्माण मजदूरों को वर्षा कालीन राहत छह हजार रुपया सालाना दिया जाए। न्यूनतम मजदूरी 21 हजार रुपया मासिक घोषित किया जाए तथा न्यूनतम मजदूरी का 50 प्रतिशत पेंशन दिया जाए। शहरों में मजदूर कॉलोनी बनाकर मजदूरों को आवंटित किया जाए तथा ग्रामीण क्षेत्र के मजदूरों को वास जमीन दी जाए एवं पर्चा देकर आवास दी जाए। महिला मजदूरों के साथ समान मजदूरी का लिंग भेद रोकथाम के लिए सख्त कानून बनाया जाए। निर्माण मजदूरों को गृह मरम्मती अनुदान में जमीन की रसीद, वंशावली, साइकिल अनुदान मिलने से पहले साइकिल खरीद की रसीद, औजार अनुदान के लिए कौशल विकास ट्रेनिंग का प्रमाण पत्र आदि मांग होने से अधिकांश लोग अनुदान से वंचित रह जाएंगे। इस जटिलता को समाप्त किया जाए। घरेलू कामगार को निर्माण मजदूरों की तरह लाभ, चिकित्सा भत्ता पांच हजार रुपया, बेटी की शादी में एक लाख रुपया तथा मासिक पेंशन पांच हजार रुपया किया जाए।

विज्ञापन

जाली मास्टर रोल बनाकर किया जा रहा है राशि का उठाव : मनरेगा मजदूर सभा के राज्य कमेटी सदस्य भारत भूषण सिंह ने कहा कि मनरेगा मजदूरों को काम नहीं दिया जा रहा है। जाली मास्टर रोल बनाकर राशि का उठाव किया जा रहा है। आज तक एक भी मनरेगा मजदूरों को भत्ता नहीं दिया गया है. सरकार मजदूरों के प्रति उदासीन रवैया अपना रही है। रिक्शा चालक यूनियन के अध्यक्ष पंचू ने कहा कि सड़क पर ऑटो, ई-रिक्शा आ जाने से रिक्शा चालकों को भुखमरी की समस्या आ गई है। रिक्शा चालकों को भी निर्माण मजदूर की तरह श्रम कार्यालय में पंजीयन कराकर लाभ दिया जाना चाहिए। घरेलू कामगार यूनियन के जिलाध्यक्ष गुलशन आरा ने कहा कि समाज का सबसे कमजोर वर्ग घरेलू दाय होते हैं, जो दूसरों के घर काम कर अपने परिवार को मुश्किल से चला पाती है। सरकार हमें भी निर्माण मजदूरों की तरह सामाजिक सुरक्षा लाभ दें।

विज्ञापन

 मौके पर उमेश दास, विनोद यादव, कुंदन यादव, वालो यादव, फूलो देवी, पदमा देवी, पूनम देवी, सावित्री देवी, सोमनी देवी, रामा देवी, गजेंद्र मुखिया, चंदन तांती, मिट्ठू कुमार, महिया देवी, सुभाष मलिक, रमेश राजा, गोप गुट से जिला सचिव रविंद्र कुमार, संयुक्त सचिव सत्येंद्र कुमार, उपाध्यक्ष योगेंद्र यादव, अनिल कुमार यादव, अजय कुमार सिंह, ब्रजेश सिंह, मो इजहार, सुनील कुमार यादव, विलास चंद्र सिंह, सियाराम यादव, बेचन मंडल, संतोष कुमार मलिक, कैलू मुखिया, जितेंद्र यादव, नन्हकी देवी, राजकिशोर मंडल, जवाहर कुमार, उधो साह, दुर्गी देवी, नीतू, रेखा, राजकुमार शर्मा, पटलन शर्मा, सिंटू शर्मा, सुधीर शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।


Spread the news
Sark International School
Sark International School