नालंदा/बिहार:जिला मुख्यालय बिहार शरीफ में भाकपा माले की ओर से नागरिकता संशोधन बिल और एनआरसी एवं विश्वविद्यालय के छात्र छात्रों और अध्यापकों के ऊपर हो रहे हमले के खिलाफ मानवाधिकार दिवस 10 दिसंबर के अवसर पर देशव्यापी कार्यक्रम के तहत नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में भाकपा माले की ओर से प्रतिरोध मार्च निकाला गया, यह मार्च माले कार्यालय कमरुद्दीन गंज से निकलकर पोस्ट ऑफिस मोड़, भराव पर, रांची रोड होते हॉस्पिटल मोड़ पर पहुंच कर सभा में बदल गया। इस मार्च का नेतृत्व माले के जिला सचिव कामरेड सुरेंद्र राम कर रहे थे।
इस अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए सुरेंद्र राम ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल केंद्रीय कैबिनेट ने पास कर दिया है और इसके माध्यम से आर एस एस के हिंदू राष्ट्र के एजेंडे को पिछले दरवाजे से लागू करने की सरकार प्रयास कर रही है जो देश के बिल्कुल हित में नहीं है। इस बिल में सिर्फ अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के केवल हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाइयों को ही शामिल किया गया है जो कहीं से भी उचित नहीं है यह बिल देश के गरीब नागरिकों पर नागरिकता का सीधा हमला है। जो गरीब अपने गरीबी तक का प्रमाण सही नहीं दे पाते हैं तो गरीब को बीपीएल की सूची से बाहर हो जाते हैं तो क्या इस बात के कागजात और सबूत कहां से इस देश के लोग लाएंगे जिसे यह प्रमाणित हो सके कि उनके पूर्वज 1951 में भारत के नागरिक थे। पार्टी वक्ताओं ने कहा कि नागरिकता संशोधन बिल मोदी के नोट बंदी के जैसा ही है जो कहा गया था कि नोटबंदी से देश में काला धन आएगा लेकिन उसका उल्टा हुआ इस नोटबंदी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है। उसी तरह नागरिकता रजिस्टर और नागरिकता संशोधन बिल भारत के संविधान लोकतंत्र तथा भारतीय समाज को तहस-नहस कर देने का काम करेगी।
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि 8 जनवरी 2020 के देशव्यापी आम हड़ताल में माले पूरी तरह सहयोग में उतरेगा और हड़ताल को सफल बनाएगा।
इस अवसर पर इंसाफ मंच के जिला संयोजक मोहम्मद सरफराज खान माले जिला कमेटी सदस्य उमेश पासवान, प्रमोद यादव, सुनील कुमार, मकसूदन शर्मा, पाल बिहारी लाल, महिला नेत्री शांति देवी, गिरजा देवी, आईसा नेता जयनत आनंद, खेमस नेता शिव शंकर प्रसाद,ठेला फुटपाथ नेता किशोर साउ, रामदेव चौधरी, बीड़ी मजदूर नेता मोहम्मद नसीरुद्दीन, छात्र नेता रैशन कुमार ,अंकुश कुमार के अलावे सैकड़ों की संख्या में पार्टी कार्यकर्ता मौजूद थे।