मधेपुरा : आजादी की लड़ाई के इतिहास में रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की गाथा अमर

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

मधेपुरा/बिहार : जिला महिला संघ द्वारा भारत की वीरांगना झांसी की महारानी लक्ष्मीबाई की जयंती उत्साह और हर्षोल्लास के साथ भाजपा महिला मोर्चा महामंत्री कुमारी साबरमती के आवास पर मनाई गई। महिलाओं द्वारा रानी लक्ष्मीबाई की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर देश की स्वतंत्रता में उनके महत्वपूर्ण योगदान को याद किया गया।

 कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महिला संघ जिलाध्यक्षा रीता राय ने लक्ष्मीबाई की जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अंग्रेज़ों के विरुद्ध युद्ध में अपने प्राणों की आहुति देने वाले योद्धाओं में वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई का नाम सर्वोपरी माना जाता है। 1857 में उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम का सूत्रपात किया था और अपने शौर्य से उन्होंने अंग्रेज़ों के दांत खट्टे कर दिए थे। देश के लिए उनके त्याग व बलिदान को भारतवासी हमेशा याद रखेंगे।

महिला संघ उपाध्यक्षा अर्पणा कुमारी ने भी लक्ष्मीबाई को नारी सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण बताते हुए, उनके जीवन से सभी को प्रेरणा लेने की बात कही। निभा झा, श्वेता सिन्हा, अर्चना कुमारी, इंदुला देवी ने भी उनके जीवन चरित्र को हर महिलाओं के लिए आदर्श बताया। उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई के इतिहास में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की वीरता की गाथा अमर है। उपस्थित सभी महिलाओं द्वारा सुभद्रा कुमारी चौहान द्वारा लिखित कविता झांसी की रानी का काव्यपाठ किया गया। पल्लवी ने स्वरचित कविता “बेटी हूं मैं, अभिशाप हूं नहीं” के माध्यम से बेटियों को कभी किसी से कम न आंकने की बात कही।


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