छठ पर्व के मद्देनजर मधेपुरा डीएम और एसपी द्वारा जारी संयुक्त आदेश पर कड़ी आपत्ति जताते हुए राष्ट्रीय जनता दल, युवा राजद के प्रदेश अध्यक्ष कारी शोएब ने कहा कि जिलाधिकारी, मुख्यमंत्री के प्रतिनिधि होते हैं, और डीएम अपने जिला के सरकार। इसलिए यह आदेश सरकार का आदेश माना जाएगा।
उन्होंने कहा कि क्या मान लिया जाय कि नागपुर से पारित किया हुआ कानून अब बिहार में लागू हो गया है। सरकारी आंकड़े के अनुसार देश में बिहार, दंगा में नम्बर एक स्थान प्राप्त किये हुआ है, और सरकार के ऐसे आदेश से यह तो दुनिया में नंबर वन का स्थान प्राप्त कर लेगा। इस आदेश से यह मालुम होता है कि पुलिस प्रशासन को खुली छुट दी जा रही है, कि दंगाइयों के साथ मिलकर इसी बहाने हिन्दू-मुस्लिम एकता को खंडित किया जाय।
कारी शोएब ने कहा कि लोग आस्था का पर्व छठ में सभी हिन्दू-मुस्लिम मिलकर कर छठ घाट की सफाई करते हैं और इस पर्व को सभी मिलकर हर्षौल्लास और आस्थापूर्वक मनाते हैं। इस तरह का आदेश जारी करने वाले पदाधिकारी को यह साबित करना होगा कि कब नाले के पानी के बाहर आने से मुस्लिम मोहल्ले में तनाव या दंगा हुआ। कोशी ने हमेशा मुहब्बत और अमन का पैगाम दिया है, कभी यहाँ इस तरह की बातें नहीं हुई है। मैं सरकार से मांग करता हूँ कि अगर थोड़ी भी शर्म है तो डीएम और एसपी को अविलंब निलंबित किया जाय, अगर उनका निलंबन नहीं होता है या सिर्फ ट्रांसफर कर दिया जाता है तो बिहार की जनता यह मान लेगी कि यह जितनी भी बातें हो रही है वह सभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इशारे पर हो रही है।
कारी शोएब ने आगाह करते हुए कहा कि अगर इस दौरान किसी भी तरह की कोई अप्रिय घटना होती है तो यह माना जाएगा कि एक विशेष समुदाय को बदनाम करने के लिए सरकार द्वारा षड्यंत्र रचा जा रहा है, और राष्ट्रीय जनता दल, प्यार मुहब्बत भाई चारे की राजनीती और बता करती है इसलिए हम ऐसी बातों को कतइ बर्दाश्त नहीं करेंगे। इन गंभीर मुद्दों को हम विधानसभा और राज्य सभा में भी तब तक उठाते रहेंगे जब तक मधेपुरा के डीएम और एसपी को बर्खास्त नहीं किया जात है। उन्होंने कहा कि अगर हमारी मांगे अविलंब पूरी नहीं हुई तो हम छठ पर्व के बाद सड़क से सदन तक आन्दोलन करेंगे।
बिहार से पुरे देश में भाईचारा और अमन का पैगाम जाता है अगर यहाँ कोई अमन और भाईचारा को खत्म करना चाहेगा उसे बिहार के लोग किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।