मधेपुरा : मोदी सरकार में मॉब लिंचिंग, गैंग रेप, अपहरण, एसिड अटैक और दहेज प्रताड़ना की घटना में बेतहाशा वृद्धि- मालिनी भट्टाचार्य

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अमित कुमार अंशु
उप संपादक

कहा⇒ 2016 में 3.39 लाख महिला हिंसा

 33 प्रतिशत महिला आरक्षण विधेयक एजेंडा से गायब

भाजपा के लिए संविधान और सुप्रीम कोर्ट कुछ भी नहीं

प्रतिनिधियों को कठिन चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए मजबूत संगठन बनाने का आवाहन

राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए राज्य से 18 प्रतिनिधियों का हुआ चुनाव

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मधेपुरा/बिहार :

अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति बिहार राज्य का 12 वां दो दिवसीय सम्मेलन रविवार को जिला मुख्यालय स्थित टाउन हॉल में संपन्न हुआ। सम्मेलन के दूसरे दिन का झंडा तोलन तथा उद्घाटन अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय अध्यक्ष मालिनी भट्टाचार्य ने किया। वहीं मुख्य वक्ता के रूप में अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामपरी ने उपस्थित प्रतिनिधियों का मार्गदर्शन किया। सम्मेलन की अध्यक्षता निर्मल देवी, सुनीता कुमारी, बिजली खातून, पुष्पा कुमारी ने संयुक्त रूप से किया।

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 मौके पर राष्ट्रीय अध्यक्ष मालिनी भट्टाचार्य ने कहा कि एडवा का राज्य सम्मेलन ऐसे वक्त में हो रहा है,  जब देश की आम जनता, जनतांत्रिक प्रगतिशील, धर्मनिरपेक्ष शक्तियों के लिए चुनौतीपूर्ण है, खासकर दलितों अल्पसंख्यकों एवं महिलाओं के अधिकार पर हमले बढ़े हैं। महिलाओं तथा बच्चियों के साथ गैंग रेप, हत्या, अपहरण, एसिड अटैक, डायन कह कर मारपीट एवं घरेलू तथा दहेज प्रताड़ना की घटना में बेतहाशा वृद्धि हुई है। एक रिपोर्ट के अनुसार सिर्फ 2016 में 3.39 लाख महिला हिंसा की घटना घटी है। जिसमें 38947 बलात्कार तथा आठ हजार जलाकर मार देने की घटना शामिल है। लेकिन इन अपराधों के लिए सजा की दर मात्र 18.9 प्रतिशत है।

33 प्रतिशत महिला आरक्षण विधेयक एजेंडा से गायब : उन्होंने कहा कि मोदी सरकार तीन तलाक बिल पास करके मुस्लिम महिलाओं को सड़क पर लाने का काम किया है। लेकिन 498ए धारा जो महिला हिंसा के खिलाफ है, उसको लगातार कमजोर कर रही है। 33 प्रतिशत महिला आरक्षण विधेयक एजेंडा से गायब है। भाजपा के लिए संविधान और सुप्रीम कोर्ट कुछ भी नहीं है। मोदी सरकार को सत्ता में आने के बाद भीड़ द्वारा बेकसूर लोगों की हत्या की घटना बढ़ी है। गरीबों पर हमले, बेदखली, कृषि संकट, गरीब हितैषी योजना में लूट, कानून व्यवस्था में गिरावट जारी है। दूसरी ओर आशा, ममता, आंगनबाड़ी सेविका- सहायिका, मिड डे मील सहित अन्य मजदूरों को न्यूनतम मजदूरी या मानदेय नहीं देकर उसके अधिकारों का हनन किया जा रहा है ।

 उन्होंने कहा कि एडवा समान काम का समान मजदूरी, महिला समानता, संविधान बचाओ देश बचाओ सहित अन्य मुद्दे पर अपने स्थापना काल से ही संघर्ष करती रही है। सम्मेलन में 21 जिलों से 225 महिला प्रतिनिधि ने भाग लिया। सम्मेलन में किसान सभा. डीवाईएफआई, एसएफआई, बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी यूनियन, अधिवक्ता संघ की ओर से भी अभिनंदन किया गया। सम्मेलन में नूतन भारती, चंपा देवी, रेणु देवी, विभा देवी, जयमाला देवी, निशा कुमारी सहित अन्य महिला नेत्री मौजूद रही।

राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए राज्य से 18 प्रतिनिधियों का हुआ चुनाव : राज्य का रिपोर्ट अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की राज्य सचिव गीता सागर ने प्रस्तुत किया। जिस पर करीब 30 महिला प्रतिनिधि ने अपना महत्वपूर्ण सुझाव दिया। सम्मेलन में समान काम का समान वेतन, महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण विधेयक पारित करना, नागरिक अधिकार, बलात्कारियों को राजनीतिक संरक्षण के खिलाफ, समान शिक्षा, भूमि सुधार कानून को लागू करना सहित अन्य प्रस्ताव पास किया गया।  सम्मेलन के अंत में 27 से 30 दिसंबर तक अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति का राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए राज्य से 18 प्रतिनिधियों का चुनाव किया गया। साथ ही अगले तीन वर्षों के लिए 41 सदस्य राज्य कमेटी तथा नौ सदस्य आमंत्रित कमिटी चुने गए। वहीं 13 की संख्या में राज्य पदाधिकारी का चुनाव हुआ।

जिसमें अध्यक्ष के रूप में नीलम देवी, उपाध्यक्ष के रूप में रामपरी, पुष्पा कुमारी, मृदुला सिन्हा, सचिव के रूप में गीता सागर तथा कोषाध्यक्ष के रूप में सरिता पांडेय का चुनाव किया गया। साथ ही नीतू देवी, शारदा देवी, सुनीता देवी, सुधा सुमन सह सचिव के रूप में चुनी गई। जनवादी सांस्कृतिक मोर्चा की ओर से जनवादी संगीत सुनाया गया। जिसका महिलाओं ने काफी लुफ्त उठाया  अंत में सम्मेलन की तैयारी में दिन रात मेहनत करने वाले मधेपुरा जिला के दर्जनों स्वागत समिति के साथियों का धन्यवाद तथा अभिनंदन किया गया।

अपने समापन भाषण में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रामपरी ने प्रतिनिधियों को कठिन चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए मजबूत संगठन बनाने का आवाहन किया।


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