कटिहार/बिहार : कटिहार में ए एम यू ओल्ड बॉयज एसोसिएशन द्वारा सर सैयद डे मनाया गया। इसके लिए शहर के मशहूर और नामी-गिरामी समृद्धि लोन गामी टोला कटिहार को दुल्हन की तरह सजाया गया था और सीमांचल क्षेत्र के जितने भी ए एम यू एलुमनाई थे सभी ने बढ़ चढ़कर इसमें हिस्सा लिया ।
सभी ए एम यू एलुमनाई ने अपना महत्वपूर्ण समय और योगदान दिया , परंतु इस प्रोग्राम के आयोजन की जिम्मेदारी कुछ खास लोगों ने निभाई, उसमें मशीउर रहमान, gap इंस्टीट्यूट के निदेशक मोहम्मद जावेद, आलम डॉक्टर शमीम और मोहम्मद नजमुस साकिब ने निभाई ।
इस मौके पर शहर के मशहूर सर्जन डॉक्टर अतहर , डॉक्टर शीरीन, जुडिशल मैजिस्ट्रेट गजाला तस्लीम, डॉक्टर अमजद जिया मलिक, डॉक्टर कहकशा, डॉक्टर जावेद आलम, डॉक्टर डॉक्टर नदीम, मतिउर रहमान, डॉ इजहार, डॉक्टर सुधीर कुमार, एमएम हक, डॉक्टर शमीम, निजामी शमशाद, डॉक्टर इमरान, डॉक्टर आर शाहिना, डॉक्टर आरिफ हुसैन और शहर के मशहूर एजुकेशन से जुड़े gap ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट एकेडमिक निदेशक प्रोफेसर तहसीन फातमा, डी एस कॉलेज के प्रोफेसर अनवर और शहर के अन्य शिक्षाविद उपस्थित थे।
उपस्थित सभी अलीग एक ही निष्कर्ष पर पहुंचे की अगर सही मायने में सर सैयद अहमद को खराज-ए-अकीदत देना है तो उनके मिशन और विजन पे काम करना होगा। कटिहार शिक्षा क्षेत्र में बहुत ही पिछड़ा हुआ है और खास करके मुसलमान तबका का हाल और भी बुरा है। हम सब को मिलकर गुणवत्ता शिक्षा के ऊपर में काम करना पड़ेगा।
gap group of Institute ke director जावेद आलम कहा कि मॉडर्न एवं साइंटिफिक एजुकेशन के साथ-साथ अनुशासन की अति आवश्यकता है। अपने प्रदेश को आगे बढ़ाना है और प्रगतिशील बनाना है तो एजुकेशन सिस्टम के ऊपर बहुत काम करने की जरूरत है। गुणवत्ता टीचर के साथ वातावरण को भी पढ़ने के अनुकूल बनाना बहुत जरूरी है। बच्चों में पढ़ाई के साथ साथ स्किल डेवलपमेंट का काम कंप्यूटर एजुकेशन एवं अंग्रेजी बोलचाल और लिखना अति आवश्यक है।
इसी दिशा में मोहम्मद जावेद आलम जो एयर फोर्स से वीआरएस लेकर आए हैं अपनी पत्नी प्रोफेसर तहसीन फातमा के साथ मिलकर बच्चों में गुणवत्तापूर्ण एजुकेशन स्किल डेवलपमेंट का काम छोटे-छोटे गांव में और शहर मैं भी कर रहे। इनका योगदान इस समाज के लिए बहुत है इस काम के लिए इन्हें मुख्यमंत्री तथा बिहार के गवर्नर ने भी सम्मानित किया है
डॉक्टर श्री तरन्नुम का कहना है के औरतों की शिक्षा भी उतना महत्वपूर्ण है जितना की मर्दों का। उन्होंने यह भी कहा की कामयाबी के लिए मॉडर्न एवं साइंटिफिक एजुकेशन जरूरी है। शिक्षा डॉक्टर होने के नाते इन्होंने अपनी भूमिका समाज के लिए एक जिम्मेदारी के तौर पर लिया है और उसको पूरी तरह से निर्वाह कर रहे हैं।
मोहम्मद मर्सउर रहमान का कहना है कि अगर कुछ करना है तो हम सबको संगठित होना पड़ेगा और एक दिशा में काम करना पड़ेगा। उन्होंने संगठन को मजबूत करने के लिए बहुत ही हम पहल अदा की है।