
संवाददाता
उदाकिशुनगंज, मधेपुरा
⇒ किसानों के खेत में लगे सैकड़ों एकड़ धान के फसल डुबकर हुए बर्बाद
⇒ मवेशी समेत आम लोगों का जनजीवन पुरी तरह से हुआ अस्त-व्यस्त
⇒ मौसमी आपदा की घड़ी में सरकारी सहायता के नाम पर सरकार ने साधी चुप्पी
उदाकिशुनगंज/मधेपुरा/बिहार : जिले के उदाकिशुनगंज प्रखण्ड क्षेत्र के अलावे इलाके भर में लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से मवेशी समेत आम लोगों का जन जीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। पशुपालकों को जान जोखिम में डालकर पशुओं को चारा उपलब्ध कराना उनकी बेबसी बन गई है। इधर भारी मूसलाधार बारिश से धान के खेतों में पानी भर जाने से फसल गिर गयी है, खेत में पानी भरा होने से धान गलने की स्थिति बन गयी है। गांव खाड़ा बुधामा समेत आसपास के किसानों ने बताया कि धान की फसल पूरी तरह बिछ गयी है। धान व पशुओं का चारा नष्ट हो गया है। साग-सब्जियों की फसल को भी काफी नुकसान हुआ है। लगातार बारिश से पैदावार में भारी नुकसान उठाने के लिए विवश होना पड़ेगा। बर्बाद फसल के चलते सर्दी के मौसम में पशुओं के लिए चारे के भी लाले पड़ेंगे। बारिश से खेतों में कटी पड़ी और खड़ी धान की फसल में गलाव शुरू हो गया है। धान काला पड़ना शुरू हो गया है। बारिश ने किसानों की कमर को तोड़ दिया है। बारिश और तेज हवा के चलते साग-सब्जी की फसल भी जमीन पर बिछ गई है। गिरे हुए फसल को चूहा अपना निवाला बनाकर खोखला कर देंगे। यह बारिश किसानों को फायदा पहुंचाने के बजाय भारी नुकसान देकर जाएगी।
इधर जिला परिषद सदस्य अमन कुमार ने कहा कि मौसमी आपदा किसानों की आर्थिक स्थिति को कमजोर कर दिया है। लगातार हो रही बारिश से किसान काफी परेशान है । किसानों ने यह सोचा था कि धान की खेती करके अच्छी मेहनत से उसे तैयार करके परिवार का पालन पोषण करेंगे। थोड़ी बहुत आमदनी भी बढ़ जाएगी। परंतु कुदरत को कुछ और ही मंजूर था पूरा धन नष्ट हो गया। नजरे जहां तक जा रही है पानी ही पानी दिखाई दे रही है। जल निकासी का कोई भी साधन नहीं है । कई परिवारों के सामने आर्थिक स्थिति का संकट पैदा हो गया है। लगातार हो रही बारिश से शहरी तथा गांव की स्थिति नरकीय हो गई है। बरसात से शहर तथा गांव के सभी इलाकों में जलजमाव से लोगों में त्राहिमाम की स्थिति हो गई है। लोगों को सड़क पर चलना दूभर हो गया है। वहीं लगातार हो रही बारिश से लोग परेशान तो हैं ही, परन्तु आलम यह रहा कि लोग घरों में कैद होकर रह गए है ।