मधेपुरा/बिहार : जिला मुख्यालय के पुरानी कचहरी परिसर स्थित श्री श्री 108 महावीर मंदिर परिसर में चल रहे गणपति महोत्सव का समापन बुधवार को महाआरती के बाद किया गया। वहीं गुरुवार को धूमधाम से भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन किया गया। गणेश चतुर्थी पर स्थापित की गई गणपति बप्पा की मूर्ति को श्रद्धालुओं ने विधिवत रूप से जिला मुख्यालय स्थित भिरखी नदी पहुंचकर मूर्ति का विसर्जन कर दिया।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा निकालते हुए रंग गुलाल खेलकर गजानन का गुणगान किया। गुरुवार को श्रद्धालु मंदिर पर एकत्रित हुए और गणपति बप्पा की मूर्ति को विधिवत रूप से उठाकर ट्रैक्टर-ट्राली में स्थापित किया। इसके बाद नगर में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। श्रद्धालु बप्पा के भजनों पर नृत्य करते हुए चल रहे थे। बप्पा के भक्तों ने बप्पा की भक्ति में सराबोर होकर जमकर रंग गुलाल खेला।
नगाड़ा, घंटे और घड़ियाल की गूंज से आकाश गुंजायमान : गणपति बप्पा के विसर्जन को लेकर सड़कों पर भगवान गणेश की प्रतिमा को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। नगाड़ा, घंटे और घड़ियाल की गूंज से आकाश गुंजायमान था, भगवान गणेश के मंत्रोच्चार लगातार होठों से फूट रहे थे। चारों ओर शंख व घंटों की गूंज ने वातावरण को आनंदित कर दिया. हर तरफ गणपति बप्पा मोरिया, मंगल मूर्ति मोरिया जैसे नारो से आकाश गुंजायमान हो उठा। 16 फीट की बनी गणेश भगवान की मूर्ति मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। वही माता सरस्वती और लक्ष्मी की भी 10 – 10 फिट की मूर्तियां बनाई गई। गणपति मोरया संघ के कार्यकर्ता अरुण कुमार ने बताया कि गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्यौहार है, जो सभी कार्यो को सफल बनाने और विघ्नों को हरने वाला त्यौहार है। भगवान गणेश की मूर्ति को गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित किया जाता है और ठीक दस दिनों के पश्चात अनन्त चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश प्रतिमा के विसर्जन के साथ इस गणेश उत्सव का समापन होता है।
सुरक्षा के थे पुख्ता इंतजाम : गणपति विसर्जन के दौरान सड़कों पर निकले शोभायात्रा तथा उसमें शामिल श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके लिए संघ के कार्यकर्ताओं एवं पुलिस प्रशासन के द्वारा पुख्ता इंतजाम किया गया था। शहर के सभी चौक चौराहों पर पुलिस बल एवं कमांडो टीम मौजूद रही साथ ही शोभायात्रा के साथ साथ पुलिस पदाधिकारी गस्त करते रहे।
वहीं पुरानी बाजार के युवाओं द्वारा पुरानी बाजार में श्रद्धालुओं के लिए शरबत की व्यवस्था की गई थी। इसमें रवि कुमार, गणपत कुमार, अमरनाथ, विकास कुमार, मंटू कुमार सहित अन्य युवा शामिल थे।