मधेपुरा/बिहार : संचार तकनीक के बदौलत मधेपुरा पुलिस का विद्रूप चेहरा लगातार बेनकाब हो रहा है । महिला सम्मान से खेलती पुलिस के तीन पदाधिकारियों का आडियो – वीडियो अबतक वायरल हो चुका है । जिससे मधेपुरा पुलिस की खूब थू-थू हुई थी । इससे पुलिस महकमा उबर पाता उसके पहले ही चौसा थानाध्यक्ष धनेश्वर मंडल का आडियो वायरल हो गया ।
लगभग डेढ दर्जन वायरल आडियो श्री मंडल के मोबाइल काॅल की रिकॉर्डिंग बताई जा रही है । जिसमें वे इंसाफ मांगने वाली एक महिला से इतनी गंदी-गंदी बातें कर रहे हैं जिसका जिक्र यहां नहीं किया जा सकता। बस यूं समझ लिजिये कथित आॅडियो को दुनिया का सबसे अश्लील वार्तालाप कहा जा सकता है ।
हालांकि “द रिपब्लिकन टाइम्स” वायरल आडियो की पुष्टि नहीं करता है, लेकिन मधेपुरा पुलिस अधीक्षक ने मामले को संज्ञान में लेते हुए जांच का आदेश दे दिया है ।
ज्ञातव्य है कि बीते दिनों चौसा थानाध्यक्ष धनेश्वर मंडल के गंदे फोन काॅल से संबंधित खबर एक प्रमुख समाचार पत्र में छपते ही हड़कंप मच गया । श्री मंडल को कुछ महीने पहले ही चौसा के तत्कालीन थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल के स्थान पर पदस्थापित किया गया था। राजकिशोर मंडल को अपराधियों से सांठगांठ के जुर्म में निलंबित किया गया था। उनके स्थान पर आए धनेश्वर मंडल से जनता को बड़ी उम्मीदें थीं, लेकिन उनकी काली करतूत वायरल होते ही लोग आक्रोशित हैं।
गौरतलब है कि चौसा थानाध्यक्ष का फोन काॅल रिकार्ड संभ्रांत व्यक्ति के लिए सुनना संभव नहीं है। आडियो के मुताबिक उन्होंने चौसा में जिस दिन योगदान किया था उसी दिन उनसे एक महिला मिलने आई। महिला एक युवक द्वारा शारीरिक और आर्थिक शोषण की शिकायत लेकर थाना आई थी। महिला को देखते ही चौसा थानाध्यक्ष धनेश्वर मंडल ने उसे अपने हवस के टार्गेट पर ले लिया। फिर क्या था वे मदद के नाम पर लगातार महिला को फोन कर ऐसी ऐसी अश्लील बातें करने लगे जो कोई पति अपनी पत्नी के साथ भी नहीं कर सकता है । वे बातें इतनी गंदी हैं कि उसका यहां जिक्र नहीं किया जा सकता। आखिरकार तंग आकर महिला ने थानाध्यक्ष का काॅल रिकार्ड कर जाहिर कर दिया।
आडियो में थानाध्यक्ष थाना की गोपनीयता भंग करते, अश्लीलता की पराकाष्ठा पार करते, पूर्व थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल के विरुद्ध मुकदमा के लिए उकसाते और एक समुदाय विशेष की साम्प्रदायिक भावनाओं को बार-बार ठेस पहुंचाते साफ सुनाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं आडियो में चौसा के पूर्व थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल का भी बहुत ही आपत्तिजनक कुकृत्य उजागर किया गया है।
उक्त बाबत लगभग डेढ दर्जन आडियो तेज़ी से वायरल हो रहा। लिहाजा सोशल मीडिया पर चौसा थानाध्यक्ष पर कार्रवाई की मांग लगातार उठ रही है। कानून के जानकारों का कहना है कि अगर वायरल आडियो पर कायदे से कार्रवाई हुई और आरोपों की पुष्टि हो गई तो थानाध्यक्ष के विरुद्ध मुकदमा भी दर्ज हो सकता है ।
सनद रहे कि इसके पूर्व चौसा के ही पूर्व थानाध्यक्ष राजकिशोर मंडल के आपराधिक सांठगांठ का मामला चर्चित हुआ था । जिसमें उन्हें निलंबित किया जा चुका है। पिछले दिनों चौसा में ही पदस्थापित जमादार गोपिंद्र सिंह द्वारा एक व्यक्ति से टाइम पास के लिए लड़की की मांग से संबंधित आडियो भी राष्ट्रीय मीडिया की सुर्खी बना था। मामला सही पाए जाने पर गोपिंद्र सिंह को भी सस्पेंड किया गया है। इसके अलावा आदर्श थाना सिंहेश्वर के थाना महेश रजक द्वारा एक फरियादी महिला के साथ गंदी बात किए जाने का वीडियो भी खूब वायरल हुआ था। मधेपुरा पुलिस इन मामले से अभी उबर भी नहीं पाई थी चौसा थानाध्यक्ष धनेश्वर मंडल ने अश्लीलता के सारे रिकॉर्ड तोड़ डाले। आमलोगों का कहना है कि जब थानाध्यक्ष के पास ही महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं तो फिर इस समाज का भगवान् ही मालिक है। मधेपुरा पुलिस की इस कृत्य से आक्रोशित विभिन्न राजनैतिक और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने दोषी पुलिस पदाधिकारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग की है।
हालांकि मधेपुरा के पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने चार में से दो पदाधिकारी राजकिशोर मंडल और गोपिंद्र सिंह को पहले ही निलंबित कर दिया है। सिंहेश्वर थानाध्यक्ष रजक की भी जांच कराई जा रही है, जबकि चौसा थानाध्यक्ष के वायरल आडियो की जांच का जिम्मा उदाकिशुनगंज एसडीपीओ को सौंपा गया है। पुलिस अधीक्षक ने जांचोपरांत कार्रवाई का भरोसा दिया है।
बहरहाल मधेपुरा पुलिस के नित्य उजागर हो रहे नये नये घृणित कारनामे से पुलिस की साख पर बट्टा तो लगा ही है। चंद गंदी मानसिकता के पदाधिकारियों के बदौलत आमलोग पूरे पुलिस महकमे पर संदेह कर रहे हैं। लोगों के मुंह से पुलिस के लिए नकारात्मक अंदाज में आह निकल रही है, जबकि गंदे पदाधिकारियों को बेनकाब करने के लिए मोबाइल टेक्नोलॉजी की वाहवाही कर रहे हैं।