मधेपुरा/बिहार : जिला मुख्यालय के पुरानी कचहरी परिसर स्थित श्री श्री 108 महावीर मंदिर में चलने वाले 10 दिनों के गणपति महोत्सव के चौथे दिन गुरुवार कि सुबह 10 बजे पुष्पांजलि किया गया। जिसके बाद भगवान गणेश की प्रतिमा को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी घंटे और घड़ियाल की गूंज से आकाश गुंजायमान था, भगवान गणेश के मंत्रोच्चार लगातार होठों से फूट रहे थे।
इन सबके बीच जैसे ही लोगों का इंतजार खत्म हुआ वैसे ही चारों ओर शंख व घंटों की गूंज ने वातावरण को आनंदित कर दिया। हर तरफ गणपति बप्पा मोरिया, मंगल मूर्ति मोरिया जैसे नारो से आकाश गुंजायमान हो उठा। महोत्सव में 16 फीट की बनी गणेश भगवान की मूर्ति मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा।
वही माता सरस्वती और लक्ष्मी की भी 10 – 10 फिट की मूर्तियां बनाई गई। इस 10 दिनों के गणपति महोत्सव में प्रत्येक दिन अलग अलग तरह का प्रसाद का भोग लगाया जाता है। इस 10 दिन चलने वाले गणपति महोत्सव में बनारस से आए बबलू झा सुबह की पूजा एवं शाम की भव्य आरती करवाते हैं। उन्होंने बताया कि सुबह 10 बजे से पुष्पांजलि किया जाता है तथा संध्या सात बजे से भव्य आरती का आयोजन किया जाता है। गणेश चतुर्थी महोत्सव पर आचार्य बबलु झा ने कहा कि यह मानना है कि इस दस दिनों के गणेश चतुर्थी महोत्सव के दौरान भगवान गणेश पृथ्वी पर रहते हैं। उन्हें बुद्धि, समृद्धि और वैभव का देवता मान कर उनकी पूजा की जाती है।
संध्या आरती मुख्य आकर्षण का केंद्र : वहीं इससे पूर्व बुधवार को लगभग सात बजे भव्य संध्या आरति किया गया। घंटे और घड़ियाल की गूंज से आकाश गुंजायमान था, भगवान गणेश के मंत्रोच्चार लगातार होठों से फूट रहे थे। इन सबके बीच जैसे ही लोगों का इंतजार खत्म हुआ वैसे ही चारों ओर शंख व घंटों की गूंज ने वातावरण को आनंदित कर दिया। हर तरफ गणपति बप्पा मोरिया, मंगल मूर्ति मोरिया जैसे नारो से आकाश गुंजायमान हो उठा।
इस मौके पर मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। इस मौके पर मंदिरों में विशेष सजावट की गयी थी. जैसे ही 16 फीट केे बने भगवान गणेश की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा कर पूजा अर्चना किया गया और शंख व घंटे से उद्घोष किया गया। वैसे ही मंदिर में भगवान गणेश के दर्शन करने का सिलसिला शुरू हुआ। चारों और सिर्फ मंत्रोचारण की आवाज़ सुनाई दे रही थी। सभी और श्रद्धालु भक्तिमय माहौल में सराबोर रहे। गणेश चतुर्थी को लेकर पहुंचने वाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए भव्य पंडाल भी बनाया गया।
लगातार सात वर्षों से किया जा रहा है गणेश चतुर्थी का आयोजन : भगवान गणेश की भक्ति से जुड़ा सबसे बड़ा त्योहार गणेश चतुर्थी दो सितंबर को शुरू किया गया। गणपति मोरया संघ के कार्यकर्ता अरुण कुमार ने बताया कि गणेश चतुर्थी महोत्सव हर वर्ष 10 दिनों का आयोजित किया जाता है। उसी तरह इस वर्ष भी 10 दिनों का आयोजित किया गया है। भगवान गणेश की प्रतिमा और पंडाल भव्य और आकर्षक दिख रहा था। यह महोत्सव दो सितंबर से शुरू होकर 11 सितंबर तक चलेगा। महोत्सव में हर दिन पूजा अर्चना के साथ संध्या में आरती का आयोजन किया जाएगा। जिसमें हजारों की संख्या में भगवान गणेश के भक्तों का आगमन होता है। गणपति मोरया संघ के कार्यकर्ताओं ने बताया कि गणपति महोत्सव का आयोजन लगातार सात वर्षों से बड़े धूमधाम किया जा रहा है। गणेश चतुर्थी महोत्सव को लेकर संघ के 40 कमेटी सदस्यों अपने अपने कार्ड में जुड़े हुए हैं। महोत्सव में श्रधालुओं की काफी भीड़ होती है।
इस महोत्सव में संध्या आरती मुख्य आकर्षण होता है। जिसमें श्रद्धालुओं की बड़ी संख्यां भीड़ रहती है।
सुरक्षा के किए गए हैं पुख्ता इंतजाम : श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े संघ के सदस्य इस बातों पर भी ध्यान रखे हुए हैं। पंडाल से लेकर मुख्य द्वार और पूजा-अर्चना तक महिला पुरुष कि अलग-अलग द्वार एवं स्थान बनाई गई है। महोत्सव में आने वाले लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो तथा कोई भी व्यक्ति विघ्न ना उत्पन्न कर सके। इसके लिए विशेष तैयारी के साथ सभी ओर कमेटी के सदस्यों और पुलिस प्रशासन की मौजूदगी रहती है। साथ ही हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पंडाल में तथा आने जाने वाले रास्ते में लगभग 15 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कैमरे के माध्यम से उपद्रवी तत्व के लोगों पर नजर रखी जा रही है।