मधेपुरा/बिहार : शिक्षक दिवस के अवसर पर मधेपुरा महाविद्यालय मधेपुरा में गुरुवार को शिक्षक दिवस का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन महाविद्यालय के प्राचार्य अध्यक्ष डा अशोक कुमार के द्वारा किया गया।
मौके पर शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं को संबोधित करते हुए प्राचार्य ने कहा की शिक्षक से देश के सर्वोच्च पद पर राष्ट्रपति जैसे पद को प्राप्त करने वाले डा सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के अवसर पर हमें यह सीखना चाहिए की सादगी भरा जीवन भी ऊंचाइयों को छू सकती है। शिक्षकों के बिना ज्ञान संभव नहीं है। ज्ञान के बिना एक सुंदर समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। एक सच्चे शिक्षक का कर्तव्य होता है कि अपने छात्र छात्राओं को भविष्य के लिए तैयार करें, ताकि वह अपनी बेहतर जिंदगी जी सकें और बेहतर दुनिया का निर्माण कर सकें। राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। पूरा राष्ट्र सच मायने में एक विद्यालय की तरह है। जहां पग पग पर हम सीखते हैं। सच्ची शिक्षा कई बुराइयों को मिटाता है। आज कई देशों में शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। गौर करने की बात है कि जिस देश में शिक्षकों को उचित सम्मान दिया जाता है, वह देश काफी आगे निकल गया है।
इस अवसर पर महाविद्यालय परिवार की ओर से 85 वर्षीय अवकाश प्राप्त शिक्षक अशर्फी यादव को पाग, माला तथा अंग वस्त्र से सम्मानित किया गया।
अशर्फी यादव ने अपने संबोधन में कहा कि मैं 18 वर्ष की अवस्था में शिक्षक की नौकरी शुरू किया था। पढ़ाने के शिवा कोई ताक झांक नहीं किया। कभी किसी कार्यालय का मुंह नहीं देखा। परिणाम स्वरूप मुझे काफी सम्मान आज तक मिल रहा है। मेरे ख्याल से आज भी जो शिक्षक पढ़ाने का कार्य करते हैं। वह सम्मानित हैं और समाज के बीच पूजनीय है। इसलिए शिक्षक को केवल पढ़ाने का कार्य करना चाहिए।
मौके पर महाविद्यालय के उपाचार्य डा भगवान कुमार मिश्रा, बीएड विभागाध्यक्ष डा बीएन सिंह, मनोज भटनागर, चंदेश्वरी यादव, अभय कुमार, ब्रजेश कुमार मंडल, भारती कुमारी, लीला देवी, डा वीणा मिश्रा, रूपम, डा संजय, अंजनी आजाद, अजीत कुमार, मुकेश कुमार, ब्रजेश कुमार, शिवकुमार, रंजू मैडम, संजीव, गजेंद्र यादव आदि शामिल थे।