मधेपुरा/बिहार : शुक्रवार की सुबह शुरू मुसलाधार बारिश ने शहर की सूरत बिगाड़ कर रख दी। आलम यह है कि शहर का एक भी मार्ग ऐसा नहीं जहां पानी न लगा हो। लोग पानी में छपछप कर चलते नजर आये। एक तरफ बारिश से लोगों को उमश भरी गर्मी से राहत तो मिली लेकिन प्रशासनिक उदासीनता के कारण पूरे शहर में जल जमाव होने से लोगों का जीवन अस्त व्यस्त भी हो गया।
भिरखी चौक एवं भिरखी मुहल्ला चौक की स्थिति इस कद्र बदतर है कि यहां घुठने भर पानी में बड़ी गाड़ी से बायपास तरफ जाना खतरे से खाली नहीं है। पूर्णिया गोला के पास नाला इस कदर टूटा हुआ है कि जमा पानी में पता नहीं चल पाता है। लेकिन बारिश के कारण शहर के जगजीवन पथ, रेलवे ढाला, कर्पूरी चौक, भिरखी मुहल्ला, जीवन सदन, सुभाष चौक, पूर्णिया गोला चौक, पुरानी बाजार बाबाजी चौक समेत विभिन्न जगह पर जल जमाव हो गया है। भिरखी, पूर्णिया गोला चौक पर होकर गुजरे सैकड़ों बाइक में से दर्जनों बाइक चालक गिर कर चौटिल भी हो गये। हालांकि इस दौरान कोई बड़ी घटना नहीं घटी। अगर जल्द जल जमाव के दिशा कोई पहल नहीं किया गया तो बड़ी घटना भी घट सकती है।
हल्की बारिश में होता है जल जमाव : शहर की मुख्य सड़क के अलावा नगर परिषद् अंतर्गत लगभग तमाम वार्डों में हल्की सी भी बारिश होने पर जल जमाव तुरंत हो जाता है। शहर में पानी टंकी चौक के पास, सदर अस्पताल के निकट मुख्य सड़क पर, थाना गेट के पास समेत अन्य जगहों पर हल्की सी भी बारिश में पानी जमा हो जाता है। जामा मस्जिद चौक और पानी टंकी चौक पर मोड़ होने के कारण यहां सड़क एक ओर उंची तथा दूसरी ओर नीची है, निचले हिस्से में जमा पानी को सूखने में करीब पंद्रह दिन लगते हैं। इस बीच अगर फिर से बारिश हो गयी तो लोगों को फिर अगले पंद्रह दिन का इंतजार करना पड़ता है। सड़क के किनारे स्थित दुकानदारों ने तो सड़क से दुकान तक पहुंचने के लिए मिट्टी डाल कर अस्थायी जुगाड़ कर लिया है। लेकिन इस जमा पानी में एक सप्ताह बाद संक्रामक कीड़े पनपने लगते हैं। इस ओर न नगर परिषद का ध्यान है न ही स्थानीय प्रशासन का।
निकासी नहीं रहने के कारण 15 दिन से अधिक रहता है जल : पुरानी बाजार में भी मुख्य सड़क पर पानी जमा हो गया। बारिश के बाद यह आम बात है। सड़क निर्माण के समय लेवल मिलाने में हुई गड़बड़ी के कारण बारिश के बाद पानी सड़क पर ही रह जाता है। धूल और मिट्टी के कारण यहां कीचड़ भी बन जाता है। जबकि यहां सड़क में पीसीसी निर्माण है। यहां से गुजरते हुए लोग सावधान रहते हैं कि कहीं कीचड़ के छींटे उनके कपड़ों पर ना आ जाए। हालांकि अगर धूप ठीकठाक हो तो यहां का पानी दो दिन में ही सूख जाता है। थाना चौक से पंचवटी चौक तक जाने वाली सड़क सांसद रोड का हाल भी बुरा है। जल निकासी का इंतजाम नहीं है। यहां भी करीब पचास मीटर तक पानी जमा रहता है। बारिश के बाद इस सड़क से केवल वाहन सवार ही गुजर सकते हैं। पैदल चलने वालों के लिए इस सड़क का इस्तेमाल काफी दुश्वार होता है।
अधिकारी से लेकर आम लोग तक जल जमाव से है परेशान : बारिश से जिला मुख्यालय के सड़कों पर पानी जमा हो गया। बारिश के कारण मुख्यालय के नालों के उपर से पानी बहने लगा। जिस कारण मुख्य बाजार में नीचे बैठ कर समान बेचने वाले फूटकर दुकानदारों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। बारिश से शहर की सड़कों पर लोगों का पैदल चलना हुआ दुश्वार हो गया। बारिश से मुख्यालय स्थित कई अहम सरकारी कार्यालय परिसर झील में तब्दील हो चुका है। इसमें मुख्य रूप से डीआरडीए परिसर, सदर अस्पताल परिसर सहित अन्य कार्यालय परिसर पानी भर गया है। कार्यालयों में जाने के लिए आम लोगों के साथ-साथ पदाधिकारी व कर्मचारियों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोग हाथ में जूता चप्पल लेकर किसी तरह पानी को पांव से धकलते हुए कार्यालय पहुंच रहे थे।