नालंदा/बिहार: जिला मुख्यालय बिहार शरीफ शहर के अस्पताल मोड़ स्थित टाउन हॉल में पहली बार पानी पंचायत का आयोजन किया गया, पानी पंचायत में जल संकट के निदान, जल संरक्षण, वाटर रिचार्ज, जल स्रोतों आदि के प्रति चिंतन और मंथन किया गया ।
राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर स्मृति न्यास द्वारा आयोजित इस पानी पंचायत का उद्घाटन जल पुरुष राजेंद्र सिंह के द्वारा किया गया । जल पुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि जल प्रेमी के तौर पर लोगो कि ट्रेनिंग होनी चाहिए , ब्लॉक के लेवल पर जलदूत जो काम करेंगे उन्हें सरकारी योजनाओं के बारे में और जो गैर सरकारी है उनके बारे में मोटिवेशनल काम करने कि आवश्यकता है।
जल सेवक जो पंचायत होता है मुखिया के स्तर पर होता है उसी स्तर पर पंचायतों में उनको जल का जो प्रबंधन है उसकी ट्रेनिंग होती रहनी चाहिए। यदि मुखिया इंटरेस्टेड नहीं है नई तरह के बहनों को भाइयों को इसमें ज्यादातर बहनो को आगे आना चाहिए । यदि भारत कभी ग्लोबल टीचर था दुनिया को सिखाने के लायक था वह तभी तक था जब तक भारत में नीर ,नारी ,नदी का सम्मान था। भारत के लोग भारत के लोग अपने भगवान को बहुत अच्छे से समझते थे। जब तक भारत के लोग प्राकृतिक पंचतत्व का महत्व समझते थे और इसका संरक्षण करते थे तब तक हम दुनिया को सिखाने के लायक थे। आज हम दुनिया को दिखाने के लायक नहीं रहे अब हम यदि भारत को अपने स्थान पर रोकना है । जल संकट को रोकने के लिए सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर युद्ध स्तर पर कार्य करना होगा तभी फिर से हमारा भारत दुनिया के सामने एक उदाहरण के लिए प्रस्तुत किया जा सकता है।
इस अवसर पर रामवदन किशोर पूर्व प्रशासनिक अधिकारी, प्रोफेसर कुसुम कुमारी कुलपति मुंगेर विश्वविद्यालय, अरविंद कुमार समाजसेवी, पंकज मालवीय वरिष्ठ पत्रकार, राजगीर के रामविलास पत्रकार के अलावे दर्जनों व्यक्तियों ने संबोधन किया।