
वरीय उप संपादक
मधेपुरा/बिहार : मधेपुरा जिले के उदाकिशुनगंज प्रखंड के मधुबन गांव की सड़क मामले में “द रिपब्लिकन टाइम्स” की खबर का बड़ा असर हुआ है। “द रिपब्लिकन टाइम्स” में मामले से संबंधित खबर को प्रमुखता से प्रकाशित किए जाने के दूसरे ही दिन विभाग ने सड़क पर मेटेरेबुल/रिपेयरिंग का काम शुरू कर दिया है। क्षेत्र मे लगातार रुक रुक कर हो रही बारिश से विधायक के गांव की सड़क पर जमा 2 फीट कीचड़ के मामले में विभागीय अधिकारियों ने संज्ञान लेते हुए एसडीओ अरविंद कृष्ण यादव एवं जेई जयशंकर प्रसाद ने कीचड़ युक्त आरयू सड़क का विगत शनिवार के अहले सुबह जायजा लिया। तत्पश्चात अधिकारियों ने भी माना कि सड़क बिल्कुल है जर्जर और चलने लायक नहीं है।
देखें वीडियो :
इधर कीचड़ युक्त सड़क को चलने लायक बनाने हेतु शनिवार से हीं सड़क पर ईट का टुकड़ा गिराना शुरु कर दिया गया है। लेकिन एसडीओ अरविंद कृष्ण यादव और जेई जयशंकर प्रसाद के कार्यशैली से क्षुब्ध ग्रामीणों ने विरोध जताते हुए कहा कि सड़क के बीचो-बीच ट्रैक्टर से ईट की टुकड़ी गिराने से सड़क पर यातायात और बाधित हो जायेगी। इस दौरान ग्रामीणों ने कहा कि कीचड़ में ईट की टुकरी गिराने के कुछ ही दिन बाद फिर से उक्त सड़क कीचड़मय हो जाएगा। ग्रामीणों ने ईट गिराने के साथ साथ कीचड़ को हटाने और ईट को चौरस करने की व्यवस्था की जाने की मांग उठाया तो रविवार सुबह से अधिकारियों ने जेसीबी से सड़क का किचर हटवाकर रोड रोलर से समतलीकरण कर सड़क को चलने लायक बनाने की कवायद जारी है। इधर जई शंकर प्रसाद ने कहा कि इस सड़क के मरम्मती करण के लिए तीन बार सरकार को डीपीआर बनाकर भेजी गई है। परन्तु प्रशासनिक स्वीकृति नहीं मिल पा रही है। पुनः डीपीआर भेजी गई है। इस बार उम्मीद है कि प्रशासनिक स्वीकृति मिल जाएगी तो 1 साल के अंदर सड़क निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा।
विदित हो कि 12 जुलाई को “द रिपब्लिक टाइम्स” ने “गंदगी और कीचड़ से जूझ रही है विधायक के गांव की सड़कें, आखिर कब बहुरेंगे मधुबन सड़कों के दिन” शीर्षक नाम से प्रमुखता से खबर छापी थी। खबर छपने के बाद ही पदाधिकारी की नींद खुली और सड़क को चलने लायक बनाने की कवायद शुरु किया गया।
इसके बाद स्थानीय लोगों ने कहा कि मामले को प्रमुखता से प्रकाशित करने के लिए वह “द रिपब्लिकन टाइम्स” का तहे दिल से धन्यवाद करते हैं।
खबर का लिंक :
https://therepublicantimes.co/madhepura-roads-of-the-mlas-village-are-struggling-with-dirt-and-mud-after-all-when-the-days-of-madhuban-streets-are-dying/