मनीगाछी/दरभंगा/बिहार : बाजितपुर पंचायत पनपीवी पोखर स्थित बिहार सरकार ने स्वास्थ्य सेवा मुहैया कराने के उद्देश्य से अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के द्वारा एम एस डी पी मद से अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र भवन का निर्माण कार्य जिला अभियंता और जिला परिषद् एजेंसी के द्वारा तिरपन (53) लाख पन्द्रह (15) हजार की लागत से वर्ष 01 अक्टूबर 2012 में शुरूआत कई गई। जिसकी समाप्ति 31 मार्च 2013 हुई।इस भवन का बड़े उत्साह के साथ उद्घाटन किया गया इसके बाद लोगों में एक आसजगी थी। भवन निर्माण करने के बाद यहाँ आज तक एक भी चिकित्सक एवं कर्मियों की नियुक्ति नहीं किए जाने के कारण बंद पड़े है।बंद रहने के कारण बाहर की हिस्सा का छत टूटती जा रही है।दिवाल में धीरे-धीरे दरारे पड़ती जा रही है।जबकि इस अस्पताल में लगभग छोटा बड़ा मिलाकर दस (10 ) कमरे है शौचालय की व्यवस्था है।
इस अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र का उद्घाटन लगे बोर्ड के अनुसार 16 दिसम्बर 2017 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया गया।लेकिन भवन तो बना दिया गया लेकिन बनने के बाद से लेकर आज तक चालू नही हो सका है। भवन में ताला लटके रहने से लोगों में निराशा है। बंद पड़े भवन के बाहरी परिसर में माल मवेशी का चारागाह बना रहता है और फिलहाल पंचायत में नल जल योजना मेें कार्य कर मजदूरो रहना बना हुआ है।इस अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र को चालू करने व डॉक्टर प्रतिनियुक्त करने के लिए ग्रामीणों के द्वारा अब तक सारे प्रयास निरर्थक हो साबित हुआ है।
ग्रामीण अशोक मेहता, बेचन पासवान, दिनेश चौपाल, हरेराम सोनार, राम विलास यादव, निरंजन यादव, जानकी देवी, डोमनी देवी, गौड़ी शंकर साहु, हरेराम चौपाल, रविन्द्र साहु, मदन कुमार राम, अशोक राम, राजेश चौपाल उर्फ मिठू सहित सैकड़ो से अधिक लोगों ने बताया कि सरकारी अस्पताल बंद रहने के कारण प्राईवेट अस्पताल की जनसंख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। छोटी-छोटी बिमारी का इलाज तो हो जाता है अगर अधिक बिमार पड़ते है तो गाँव से पैतालिस (45) किलोमीटर दूर दरभंगा जाना पड़ता है। कई मरीज तो रास्ते में ही अपना दम तोड़ दिया है। स्थानीय जनप्रतिनिधि समेत स्वास्थ्य विभाग को इस अतिरिक्त स्वास्थ्य केन्द्र को चालू करने की बाबत पत्राचार किया। पंचायत समिति के बैठक में भी इस समस्या को गंभीरता से उठाया गया लेकिन परिणाम जीरो रहा। विभाग के तरफ से अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिला है न जाने इस क्षेत्र के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा देने के नाम पर सिर्फ बात की जाती है। चुनाव के समय जब आता है तो क्या-क्या वादा कर के जाते है जब जीतकर चले जाते है तो लोगो का हाल तक जानने के लिए नही आते तो समस्या का समाधान क्या करेंगे जिससे लोगों में रोष व्याप्त है? डॉक्टर की प्रतिनियुक्ति नहीं होने के कारण लोग अपना ईलाज झोला छाप डॉक्टर से ही कराने के लिए मजबूर है। बल्कि उनसे मोटी रकम वसूल लिये जाते है और जान का भी खतरा बना रहता है। इस संबंध में प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी डाॅ रजा आलम ने कहा कि डॉक्टर व कर्मी के अभाव के कारण अस्पताल चालू नही किया जा रहा है।