दरभंगा/बिहार : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय लगातार विवादों के घेरे में रहता है। ऐसा लगता है कि विवाद का विश्वविद्यालय के साथ चोला दामन का संबंध है। अब शिक्षाशास्त्र के डीन के पद पर डॉ.एम हसन की नियुक्ति विवादों में घिरती नजर आ रही है। विश्वविद्यालय के अभिषद् सदस्य डॉ. हरिनारायण सिंह ने उनके नियुक्ति को गैर कानूनी करार देते हुए 14 जून को होने वाले अभिषद् की बैठक में इस मुद्दे को शामिल करने की मांग कुलपति से की है। कुलपति को भेजे 3 पृष्टीय ज्ञापन में डॉ. हसन पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं।
आरोप लगाया गया है कि डॉ. हसन डॉ. जाकिर हुसैन टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज लहेरियायराय के प्रधानाचार्य हैं। जबकि यह कॉलेज विश्वविद्यालय का अंगीभूत कॉलेज नहीं है। ज्ञापन में इनके पीएचडी, डीआरसी और इनके नियुक्ति के संबंध में कई गंभीर अनियमितताएं उठाई गई है। यहां तक कि ज्ञापन में इन्हें रीडर के समकक्ष पद के लायक नहीं बताया गया है।
सनद रहे कि अभिषद् सदस्य डॉ. हरिनारायण सिंह को राज्य सरकार की ओर से अभिषद् सदस्य के रूप में नामित किया गया है। अब गेंद विश्वविद्यालय के पाले में है कि वह इनके आरोपों को 14 जून को प्रस्तावित बैठक में रखता है या नहीं। प्रस्ताव में आये या न आये ऐसा माना जा रहा है कि ऐसे गंभीर मामले को लेकर अगली बैठक हंगामापूर्ण रहेगा।