भारतीय जनता पार्टी ने दिल खोलकर भोजपुरी सिनेस्टारो को चुनावी मैदान में उतारा है। नई दिल्ली से मनोज तिवारी उत्तर प्रदेश से दिनेश लाल यादव निरहुआ और रवि किशन को चुनावी मैदान में उतारा गया है। रवि किशन दिनेश लाल निरहुआ और मनोज तिवारी से ज्यादा लोकप्रिय भोजपुरी स्टार पवन सिंह को भाजपा में इसी शर्त पर शामिल कराया गया था कि उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट दिया जाएगा। बात जब बिहार में नहीं बनी तो उन्हे उत्तर प्रदेश के भदोही या पश्चिम बंगाल के आसनसोल सीट से उम्मीदवार बनाने की बात चल रही थी।
सूत्रों की मानें तो अंततः पश्चिम बंगाल के ही एक ऐसे सीट से पवन सिंह को उम्मीदवार बनाने का फाइनल निर्णय भाजपा ले चुकी थी, जहां बिहारियों की तादाद ज्यादा है। लेकिन ऐन वक्त पर भाजपा में भोजपुरी सिनेमा का तथाकथित ठेकेदार बने व्यक्ति ने सुनियोजित साजिश के तहत पवन सिंह का टिकट कटवा दिया। ऐसी चर्चा पटना से लेकर दिल्ली तक है। दबी जुबान में चर्चा है कि राजपूत जाति से होने के कारण पवन कई लोगों की आंखों के काँटा बने हुए है। हद तो यहां तक हो गई है कि पवन सिंह और कल्पना जैसे भोजपुरी के सुपरस्टार गायक भाजपा में होने के बावजूद एक व्यक्ति विशेष के अहंकार के कारण इन दोनों को पार्टी के स्टार प्रचारक के सूची तक में शामिल नहीं किया गया है।