दरभंगा/बिहार : न्यायिक दण्डाधिकारी सह प्रथम एसीजेएम आशुतोष खेतान की अदालत ने मंगलवार को मधेपुरा के सांसद सह जन अधिकार पार्टी के संरक्षक राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव और चन्द्रकान्त सिंह की जमानत याचिका स्वीकृत कर जमानत पर मुक्त किया। ज्ञात हो कि दरभंगा ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के जन अधिकार पार्टी के प्रत्याशी चन्द्रकान्त सिंह के पक्ष में चुनावी सभा का आयोजन और हेलीकॉप्टर का लैंडिंग अनुमति अवधि के पश्चात किया गया था।
इसी घटना को लेकर ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के उड़नदस्ता प्रभारी दण्डाधिकारी मनोज कुमार ने केवटी थाना में प्राथमिकी सं.124/15 दर्ज करायी थी। इस मामले के चार अभियुक्तों में से दो ने मंगलवार को जमानत याचिका के साथ कोर्ट में आत्मसमर्पण किया। जहां जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद दोनों को जमानत दे दिया गया। वहीं इसी मामले में आरोपी हाजीनूर मदनी और अजय कुमार जायसवाल के विरुद्ध अदालत से वारंट जारी है। जमानत पश्चात सांसद यादव के अधिवक्ता संजीव रंजन उर्फ दीपू और मनोज कुमार मनमौजी ने बताया कि बेल टूटने की जानकारी मिलते हीं दोनों ने अदालत में आत्मसमर्पण कर जमानत कराया है।
चुनाव के संबंध में जब उनसे पत्रकारों ने सवाल किया तो उन्होंने कहा कि उनकी पत्नी रंजीता रंजन को टिकट काटने का काम किया गया तो वह बिहार में पाटलिपुत्रा और छपरा में राजद उम्मीदवार का विरोध करेंगे। उन्होंने कांग्रेस की तारीफ करते हुए कहा कि बिहार में कांग्रेस अपमानित होकर भी गठबंधन धर्म निभा रहा है। उन्होंने कहा कि दरभंगा कीर्ति आजाद का सिटिंग क्षेत्र रहा है लेकिन उन्हें यहां से टिकट नहीं दिये जाने को लेकर कई लोग ऐड़ी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मैं कोशी क्षेत्र के किसी भी लोकसभा क्षेत्र से खड़े होने के लिए तैयार था लेकिन मुझे दरकिनार किया गया। उन्होंने मधेपुरा से शरद यादव के टिकट की संभावना को लेकर कहा कि शरद यादव ने लालू यादव की फांसी की मांग की थी। उन्हें दोस्त बना लिया गया।
उन्होंने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि उनकी लड़ाई बीजेपी से नहीं, बल्कि पप्पू यादव और कन्हैया से है। उन्होंने कहा कि गठबंधन को मजबूती से चलाया जाना चाहिए, लेकिन कुछ लोग बीजेपी के एजेंट बनकर काम कर रहे हैं।