कटिहार/बिहार : एनसीपी युवा बिहार प्रदेश अध्यक्ष राहत कादरी ने आज एक प्रेस बयान जारी कर कहा है कि जो बजट बिहार सरकार ने पेश किया है वह केंद्र सरकार की ही कार्बन कॉपी है।
उन्होंने कहा कि उपमुख्यमंत्री वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने इस बजट में किसान मजदूर युवा वर्ग और महिलाओं को निराश किया है। जहां तक शिक्षा का सवाल है तो आज की तारीख में प्रदेश के ज्यादातर उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, विज्ञान प्रयोगशाला के बिना संचालित हो रहे हैं। ऐसे में हम तकनीकी रूप से कैसे अपने युवा को समृद्ध करें इसका भी कोई जिक्र इस बजट में नहीं किया गया है। गुणात्मक शिक्षा कैसे छात्रों को उपलब्ध हो इसका भी बजट में कोई अक्स नहीं दिखता। स्वास्थ्य सेवा का तो और बुरा हाल है। 11 मेडिकल कॉलेज खोलने की तो बात की गई है, लेकिन जो पहले से सूबे में वेंटिलेटर पर चल रहे प्राथमिक और सदर अस्पताल की स्थिति कैसे सुधरेगी इसकी कोई चर्चा नहीं की गई है।
राहत कादरी ने सरकार से मुफ्त शिक्षा और मुफ्त स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने की मांग की है। साथ ही किसानों और मजदूरों के साथ हो रहे सरकारी अत्याचार पर भी रोक लगाने की मांग की है। श्री कादरी ने कहा कि बजट में डीजल अनुदान में व्याप्त भ्रष्टाचार रोकने का कोई जिक्र नहीं है। जहां तक सात निश्चय की बात की जाए तो आज भी आधा अधूरा है, ऐसे में सिर्फ यह कहना कि इस बार का बजट का आकार बड़ा है, यह ठीक नहीं है। निवेश और उद्योग जगत के लिए बजट में कुछ भी नहीं है। पलायन कैसे रूके इस पर भी कोई चर्चा नहीं की गई है। सच्चाई यह है कि पिछले बजट में सरकार के द्वारा किए गए वादे आज भी आधे अधूरे हैं। हकीकत यह है कि यह बजट सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी भर है और चुनावी वर्ष में जनता की आंखों में धूल झोंकने एवं आईवास की तरह है।