मुजफ्फरपुर/बिहार माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के क्षेत्र में किये जा रहे कार्य माहवारी स्वच्छता से संबंधित मिथक, भ्रम और चुप्पी को तोड़ेगा और महिलाओं विशेषकर किशोरियों के स्वास्थ्य में गुणात्मक बदलाव लाएगा।
उक्त बात जिलाधिकारी आलोक रंजन घोष ने “बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ” अभियान के तहत माहवारी स्वच्छता प्रबंधन पर पांच दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन के मौके पर कही। उन्होंने कहा कि सरल प्रबंधन उपायों के जरिये किशोरी तथा महिला के जीवन मे व्यापक बदलाव लाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इसे सिर्फ स्वच्छता प्रबंधन के रूप में न देखकर समग्र रूप से मानव अधिकार के रूप में देखा जाना चाहिए।
उक्त कार्यशाला का उद्घाटन जिला परिषद के सभाकक्ष में जिलाधिकारी, अध्य्क्ष जिला परिषद ,सिविल सर्जन शिवचंद्र भगत, डी पी आर ओ कमल सिंह, डी पी ओ आई सी डी एस ललिता कुमारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया।
जिला परिषद अध्यक्ष ने कहा कि प्रशासन का यह कार्य सराहनीय है और इसे जन-जन तक ले जाना हमारी जिम्मेदारी है।कार्यक्रम में अतिथियों और प्रतिभागियों के स्वागत करते हुए जिला परियोजना प्रबंधक मो गौस अली हैदर खान ने कहा कि इस कार्यशाला का उदेश्य “अपनी स्वच्छता, अपनी आजादी” है। डी पी ओ ललिता कुमारी ने कहा कि उक्त कार्यशाला का उद्देश्य माहवारी स्वच्छता प्रबंधन के क्षेत्र में मास्टर ट्रेनर तैयार करना है जो ग्रामीण क्षेत्रो में जाकर आम आवाम को जागरूक करेंगे।
कार्यशाला का आयोजन महिला विकास निगम और जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान में हुआ जिसमे आकांक्षी जिला कोषांग का सहयोग रहा। वही कार्यक्रम में संसाधन व्यक्ति के रूप में डब्ल्यू ०एस० एस ०सी० सी के प्रशिक्षक सुश्री कोमल रामदे, इहालीन कौर ,डॉ सरिता तथा पुष्पकर कुमार द्वारा प्रशिक्षण दिया जाएगा। उद्घाटन समारोह में मंच संचालन का कार्य सी डी पी ओ मुशहरी ने किया।