मधेपुरा/बिहार : जिले में विभिन्न केंद्रों पर चल रहे इंटरमीडिएट परीक्षा के तीसरे दिन शुक्रवार को शांतिपूर्ण माहौल में परीक्षा शुरू हुई। प्रथम पाली में विज्ञान एवं कला संकाय के भौतिकी, योगा और शारीरिक शिक्षा तथा दूसरी पाली में कला और वोकेशनल कोर्स के इतिहास और अंग्रेजी विषय की परीक्षा ली गयी।
इस दौरान शहर में छात्रों की संख्या एकाएक बढ़ने से भीड़ का माहौल बना रहा। मगर जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की मुस्तैदी ने शहर में शांति व्यवस्था कायम रखा। पिछले वर्षों की तरह इस बार कहीं भी कोई परेशानी नहीं दिखी। शहर की शांति व्यवस्था कायम रखने के लिए जिला प्रशासन ने अपनी पूरी मुस्तैदी दिखाइ है।
जिले के जिला पदाधिकारी, पुलिस अधीक्षक एवं सभी उच्च अधिकारी सभी केंद्रों पर मॉनिटरिंग करते रहे। परीक्षा खत्म होने के बाद सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रही। लेकिन पुलिस प्रशासन एवं कमांडो ने इस समस्या को भी अपने स्तर से हल किया। वहीं कुछ अभिभावक प्रशासन से अड़ गये।उसके साथ सख्ती से कमांडो दस्ता निपटते नजर आये।
सभी केंद्रों का अधिकारी लेते रहे जायजा
परीक्षा का जायजा लगातार सदर एसडीएम वृंदा लाल, सदर एसडीपीओ वसी अहमद, सदर अंचलाधिकारी वीरेंद्र झा, सदर थानाध्यक्ष मनोज कुमार महतो एवं जिले के उच्च अधिकारी विभिन्न केंद्रों पर लेते रहे। इस दौरान अधिकारियों ने केंद्राधीक्षकों को और भी सख्ती बरतने का निर्देश दिया। पुलिस कर्मी भी अपने जिम्मेदारी का सही तरह से निर्वहन कर रहे थे। 2019 में हो रहे परीक्षाओं पर ध्यान दें तो पिछले वर्ष तक कदाचार के कारण केंद्रों पर परीक्षार्थियों के साथ अभिभावकों की भीड़ जुटी रहती थी। लेकिन इस बार जिला प्रशासन की सख्ती के कारण न तो कर्मियों को परेशानी होती है और न ही अभिभावक को।
प्रशासन के शख्ती का असर बाजारों में भी दिखा
परीक्षा में कदाचार करवाने की गुंजाइश नहीं रहने के कारण कई अभिभावक अपने परीक्षार्थी को केंद्र पर छोड़ कर घर लौट जाते हैं। पिछले वर्ष तक हालात यह रहती थी कि एक परीक्षार्थी पर चार से पांच अभिभावक या उनके सहयोगी रहते थे। लेकिन इस बार ऐसी स्थिति नहीं है। जिला प्रशासन के शख्ती का असर बाजार में दिख रहा है। परीक्षा के समय छात्र – छात्राओं से भरा रहने वाला होटल, किराना दुकान पर लगने वाली भीड़ इस बार नहीं दिख रही है। जिले में परीक्षा होना एक लगन जैसा माना जाता है। क्योंकि इस समय छात्र छात्राओं को अधिक दामों पर रूम रेंट पर दिया जाता था और उन्हीं के कारण परीक्षा जब तक चलती थी तब तक दुकानों पर भीड़ लगी रहती थी। बाजार छात्र – छात्राओं से भरा हुआ रहता था, मगर इस बार ऐसी स्थिति नहीं है। लगभग सभी छात्र अपने घर से आते हैं और परीक्षा देकर वापस अपने घर चले जाते हैं।
अभिभावकों ने भी कदाचार मुक्त परीक्षा में दिया साथ
जिला प्रशासन की मुस्तैदी ने कहीं भी कोई परेशानी का कारण नहीं बनने दिया। कदाचार मुक्त इंटरमीडिएट परीक्षा का अभिभावको एवं परीक्षार्थी के सहयोगियों ने भी जिला प्रशासन का इस कार्य में साथ दिया। सभी केंद्रों पर अभिभावक अपने परीक्षार्थी को केंद्र पर पहुंचाकर सेंटर को खाली कर दिया। कहीं भी कोई चहल – पहल या कोई शोर शराबा नहीं हुआ। इसका कारण है कि अभिभावकों ने भी जिला प्रशासन को कदाचार मुक्त परीक्षा होने में साथ दिया है। हालांकि कुछ अभिभावक ने कदाचार मुक्त हो रहे परीक्षा में दखल देने की कोशिश की मगर प्रशासन की तत्परता ने किसी को भी इस परीक्षा में दखल नहीं देने दिया।
छ: परीक्षार्थी परीक्षा से निष्कासित किया
शुक्रवार को इंटरमीडिएट परीक्षा के तीसरे दिन कदाचार करने के आरोप जिला मुख्यालय की चार परीक्षा केंद्रों से छह परीक्षार्थियों को गिरफ्तार कर परीक्षा से निष्कासित किया गया। जिसमें हॉली क्रॉस स्कूल चकला से एक, आरपीएम इंटर कॉलेज तुनियही से एक, आरपीएम डिग्री कॉलेज तुनियही से एक तथा बीएनएमवी कॉलेज साहूगढ़ से तीन परीक्षार्थियों को परीक्षा से निष्कासित किया गया।