रिपब्लिकन टाइम्स की पड़ताल में झूठा साबित हुआ मोदी का सरकारी दावा, आज तक बिजली से महरूम हैं मधेपुरा जिले का लक्ष्मीपुर भगवती पंचायत

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रजिउर रहमान
प्रधान संपादक

लक्ष्मीपुर भगवती से प्रधान संपादक रजिउर रहमान की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट –

मधेपुरा (बिहार ) : हर घर बिजली पहुंचाने का प्रधानमंत्री मोदी का सरकारी दावा मधेपुरा जिला में झूठा साबित हुआ है। जिलान्तर्गत  कुमारखंड प्रखंड  मुख्यालय से 25 किलोमीटर की दूरी पर  मधेपुरा, सुपौल, अररिया और पूर्णिया जिले की सीमा पर अवस्थित लक्ष्मीपुर भगवती पंचायत के वार्ड नं0 7 और 8 (दोनों महादलित टोला है) में आजतक बिलजी का खंभा तक नही गड़ा है। द रिपब्लिकन टाइम्स की पड़ताल के दौरान स्थानीय लोगों ने सरकार के प्रति  आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि बिजली किसे कहते हैं ये हम लोगों को नहीं  मालूम। लोगों ने कहा कि अंधेरे में जिंदगी गुजारना उनकी नियति बन चुकी है। लिहाजा  तकरीबन 12 सौ घरों की आबादी वाले इस गांव में आज भी लोग लालटेन युग में जी रहे हैं। 

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सनद रहे कि महादलितों की उक्त आबादी सिर्फ बिजली ही नहीं बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, शौचालय और विद्यालय जैसी  मूलभूत  सुविधाओं से भी वंचित है। दोनों वार्ड मिलाकर 12 सौ घरों की आबादी है यहाँ। बावजूद इसके आजादी के बाद आजतक यहाँ विकास की रौशनी नहीं पहुंच सकी है। यहाँ के लोगों को आज भी आने-जाने के लिए पगडंडियों का सहारा है। इस इलाके तक पहुंचे के लिए  कुमारखंड प्रखंड के टिकुलिया चौक होकर पग डंडियों के सहारे ही जाना पड़ता है। इलाके में  पक्की सड़क तो दूर की बात है कच्ची सड़क भी नही बन पाया है। बिजली, स्कूल, सड़क आदि के लिए ना सिर्फ स्थानीय लोग  दफ्तरों का चक्कर लगाकर हिम्मत हार चुके हैं, बल्कि स्थानीय जनप्रतिनिधि भी मायूस हो चुके हैं।
स्थानीय  पंच ने बताया कि वे सरकारी दफ्तरों का चक्कर लगा लगा कर थक चुके हैं। उन्होंने बताया कि हम लोग गरीब हैं। हर रोज  प्रखंड या जिला मुख्यालय का चक्कर लगाना  बस की बात नही है ।फिर भी बिजली के लिए हर संभव प्रयास किया लेकिन नतीजा कुछ नही निकला। पूर्व मुखिया पुत्र राजू ठाकुर ने बताया कि मैं खुद सभी ग्रामीणों की तरफ से  बिजली के लिए तीन तीन बार आवेदन  दिया लेकिन विद्युत विभाग से सिर्फ आश्वासन ही मिला।

लक्ष्मीपुर भगवती पंचायत के वार्ड संख्या 7 की सदस्या बूचनी देवी ने बताया कि उन्होंने अपने स्तर से बार बार ऑफिस में जाकर आवेदन दिया, लेकिन आश्वासन के सिवा कुछ नही मिला। वर्तमान समिति सदस्य सह पूर्व मुखिया पुत्र मो0 निजाम ने बताया कि  बिजली के लिए ब्लाॅक और बिजली ऑफिस का चक्कर लगा- लगा कर थक गए। कई बार सभी ग्रामीणों के साथ प्रखंड कार्यालय में जाकर बिजली की सुविधा मुहैया कराने की मांग की, लेकिन हर बार महज आश्वासन ही मिला समाजसेवी प्रदीप कुमार मंडल ने बताया कि काफी आरजू मिन्नत के बाद  बिजली विभाग के जेई को यहां लाया। जेई भी यह देख कर हैरत में थे कि आखिर यहां बिजली अब तक क्यों नहीं पहुंची? उन्होंने दोनों वार्डों का स्थल निरीक्षण कर जल्द ही बिजली की सुविधा मुहैया कराने का आश्वासन दिया था लेकिन जाने के बाद दोबारा लौट कर नही आये और ना ही इस समस्या का समाधान हुआ।
85 वर्षीय देव नारायण मंडल ने निराशा भरे शब्दों में कहा कि बचपन से लेकर आज तक हम लोगों को बिजली की सुविधा नसीब नही हुआ।नेता और  पदाधिकारीगण सिर्फ आश्वासन देकर चले जाते हैं । अब तो उम्र खत्म होने को है पता नहीं जीते जी अपने गांव में बिजली की सुविधा देख पाऊंगा की नहीं?

वार्ड संख्या 7 के निवासी नागो मंडल, गरीब मंडल, सालो देवी, माया देवी ने बताया कि अंधेरे में जिंदगी गुजारना स्थानीय लोगों की किस्मत बन चुकी है। सुविधाओं के अभाव में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। ग्रामीणों द्वारा बार बार आवेदन देने के बावजूद बिजली सहित तमाम बुनियादी सुविधा नदारत है। वार्ड नंबर 8 की निवासी कंचन देवी, झकसा देवी, दुर्गी देवी, जय प्रकाश, मलाकान्त, प्रभा नंद ऋषिदेव आदि ने कहा कि सरकार कहती है कि महादलितों के उत्थान के लिए हर स्तर पर काम किया जा रहा , हर गांव में बिजली पहुंचा दी गई हैलेकिन सच्चाई क्या है सरकार खुद आकर देखे। उन्होंने बताया कि लक्ष्मीपुर भगवती पंचायत के महादलित तमाम  सरकारी  योजनाओं से महरूम हैं। स्कूल, सड़क, शौचालय, बिजली आदि अन्य सरकारी योजनाओं की धारा यहां आते आते सूख सी जाती है। बिजली के अभाव में बच्चों की शिक्षा और किसानों किफायती सिंचाई सुविधा मयस्सर नहीं हो पा रही है।
स्थानीय निवासी सह फ्रेंड्स ऑफ तेजस्वी के प्रदेश प्रवक्ता मो0 मुश्फिक आलम ने कहा कि राज्य और केंद्र की सरकार सिर्फ और सिर्फ जुमलेबाजी की सरकार है। विकास  सिर्फ कागज पर  हो रहा है ।सच्चाई काफी अफसोसनाक है। उन्होंने बताया कि  सिर्फ बिजली ही नही बल्कि सरकार की अन्य योजनाओं से भी वंचित हैं यहां के लोग, जबकि सरकार महादलितों के विकास  का ढिंढोरा पीटते नहीं थकती। श्री आलम ने सरकार से जल्द से जल्द यहां की समस्याओं के  निदान की मांग किया है।

मंत्री प्रो. रमेश ऋषिदेव
फ़ाइल फोटो

गौरतलब है कि मधेपुरा जिला के कुमारखंड प्रखंड अंतर्गत लक्ष्मीपुरभगवती पंचायत सिंहेश्वर विधानसभा क्षेत्र के अधीन है। विधानसभा में इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व सूबे के अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री प्रोफेसर रमेश ऋषिदेव कर रहे हैं। मंत्री जी स्वयं महादलित हैं। बावजूद इसके उनके क्षेत्र के महादलितों की नारकीय स्थिति है।

इस संबंध में मधेपुरा विद्युत कार्यपालक अभियंता(परियोजना) मिथलेश कुमार सिंह से जब पूछा गया तो पहले तो उन्होंने काफी फख्र के साथ बताया कि मधेपुरा जिले में अब एक भी ऐसा गॉंव बंकि नहीं है जहाँ बिजली नहीं पहुंची, सभी ग्रामीण इलाका बिजली की सुविधा से लैश है। और जब उनसे यह पूछा गया कि क्या सच में अब कोई गॉंव-मोहल्ला अब बिजली से महरूम नहीं तो थोडा संभालते हुए कार्यपालक अभियंता ने कहा कि हाँ एक दो जगह है जहाँ स्थानीय लोगों के द्वारा काम में रुकावट डालने के कारण बिजली वहां तक नहीं पहुँच सकी है लेकिन जल्द ही वहां भी बिजली पहुचं जायेगी।

मिथलेश कुमार सिंह
वि. कार्यपालक अभियंता, मधेपुरा

ज्ञात हो कि रिपब्लिकन टाइम्स कि पड़ताल में जिले का मात्र दो ही वार्ड मिला जहाँ बिजली नहीं पहुंची थी लेकिन  कार्यपालक अभियंता ने इस मामले में एक और बड़ा खुलासा कर यह साबित किया कर दिया कि जिले के चार मोहल्ले आज भी बिजली से महरूम है। कार्यपालक के अनुसार सिंहेश्वर प्रखंड अंतर्गत एक मुस्लिम मोहल्ला है जहाँ बिजली नहीं पहुँच सकी और इसके इलावा बिहारीगंज प्रखंड अंतर्गत दूसरा मोहल्ला है जहाँ बिजली नहीं पहुँच सकी। लेकिन कुमारखंड प्रखंड अंतर्गत लक्ष्मीपुर भाग्वावी पंचायत का दोनों महादलित मोहल्ला भी आजादी के बाद से आजतक लालटेन युग में ही जी रहा है यह उन्हें मालूम ही नही। और जानकारी हो भी कैसे भला पगडंडियों के सहारे धुल-मिटटी से लबरेज होने का शौक किसे है भला जो वहां जाकर महादलितों की नारकीय स्थित को जाने। लेकिन समाज के अंतिम छोड़ पर खड़े लोगों को जबतक मुख्यधारा से नहीं जोड़ा जायेगा तब तक ना तो  समाज ना राज्य और ना ही देश की तरक्की मुमकिन है। यह बात शायद हम सभी के जुबान तक ही महदूद है लेकिन जरुरत दिल में उतरने की है, ताकि एक तरक्की याफ्ता सामाज, राज्य और देश का निर्माण संभव हो सकेहै

बहरहाल “द रिपब्लिकन टाइम्स की पड़ताल से स्पष्ट हो गया है कि बिजली के बाबत  प्रधानमंत्री मोदी का सरकारी दावा झूठा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ड्रीम पालिसी सात निश्चय योजना अंतर्गत हर घर नल, शौचालय, गली और नाली की जमीनी हकीकत महज कागजी है।

सहयोगी संवाददाता :- आकाश कुमार/ मुजाहिद अलाम


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