मधेपुरा/बिहार : आजादी के 71 वर्षों में देश ने काफी प्रगति की है, दुनिया हर क्षेत्र में हमारी प्रगति का लोहा मान रही है। आज हम अपने देश में बड़ी-बड़ी रेलगाड़ियांं एवं वायुयान तक बनाने में सक्षम हैं।
यह बात बीएनएमयू कुलपति प्रो डा अवध किशोर राय ने कही। वे 70 वें गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर शनिवार को कुलपति कार्यालय परिसर स्थित दीक्षांत मंच पर झंडोत्तोलन के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। इस अवसर पर कुलपति ने गणतंत्र के महत्व पर प्रकाश डाला और विश्वविद्यालय की उपलब्धियों एवं भावी कार्य योजनाओं की भी जानकारी दी।
संविधान किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं करता : कुलपति ने कहा कि 26 जनवरी 1950 को हमारा संविधान लागू हुआ। हमारा संविधान किसी भी नागरिक के साथ जाति, धर्म, संप्रदाय, लिंग, भाषा एवं क्षेत्र किसी भी आधार पर कोई भेदभाव नहीं करता है। यह दुनिया में एक आदर्श संविधान है। यह भारत को एक संप्रभुत्व संपन्न समाजवादी, पंथनिरपेक्ष एवं लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित करता है। कुलपति ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना संविधान की आत्मा है। इसमें सभी नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक न्याय सुनिश्चित करने का आदर्श प्रस्तुत किया गया है, साथ ही यह सबों के लिए स्वतंत्रता, समानता एवं बंधुता की गारंटी देता है।
संविधान की सफलता लागू करने वाले पर निर्भर है : संविधान में अधिकारों के साथ-साथ कर्तव्यों की भी चर्चा है। हम समाज एवं राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें। हम 1950 में राजनैतिक गणतंत्र बने, अब हमें सामाजिक, आर्थिक एवं शैक्षणिक गणतंत्र बनना है। हम सबों को एक समान एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दिलाने का संकल्प लें। ‘राष्ट्रपति का बेटा हो, या भंगी की संतान सबकी शिक्षा एक समान’ इस आदर्श को चरितार्थ करें। कुलपति ने कहा कि संविधान की सफलता उसे लागू करने वाले पर निर्भर करता है। डा अंबेडकर ने कहा है कि संविधान बुरा साबित होता है, यदि उसे लागू करने वाले बुरे हों और संविधान अच्छा साबित होता है, यदि उसका पालन करने वाले अच्छे हों. डा अंबेडकर के इस सूत्र वाक्य में संविधान एवं देश की सफलता निर्भर है।
हम विश्वविद्यालय के लिए क्या कर सकते हैं : कुलपति ने कहा कि हम विश्वविद्यालय के प्रति समर्पित रहें। केवल यह न सोचें कि विश्वविद्यालय ने हमारे लिए क्या किया। बल्कि यह भी सोचें कि हम विश्वविद्यालय के लिए क्या कर सकते हैं। कुलपति ने कहा कि बीएनएमयू में संसाधनों का घोर अभाव है। इसके बावजूद हम प्रगति के पथ पर अग्रसर हैं। यदि हौसला बुलंद हो, तो सीमित संसाधनों के बावजूद बेहतर प्रदर्शन किया जा सकता है। गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर कुलपति ने अपनी उपलब्धियों एवं कार्य योजनाओं की जानकारी दी।
बीएनएमयू के समग्र विकास का सपना : कुलपति ने कहा कि उन्होंने उम्र के इस दहलीज पर एक सपना देखा है। बीएनएमयू के समग्र विकास का सपना, बीएनएमयू को राष्ट्रीय ख्याति दिलाने का सपना और सपना कि हमारे शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी गर्व से कह सकें कि हम बीएनएमयू के हैं और बीएनएमयू हमारा है। हम उस सपने को साकार करने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं और इसमें हमें सफलता भी मिल रही है। कुछ छोटी-मोटी बाधाएँ हैं, लेकिन आप सबों के सहयेाग से हम उन्हें दूर कर लेंगे, ऐसा दृढ़ विश्वास है। उन्होंने कहा कि हम केवल यह नहीं सोचें कि विश्वविद्यालय ने हमारे लिए क्या क्या, बल्कि यह भी सोचें कि हमने विश्वविद्यालय के लिए क्या किया. फिर हमारे विश्वविद्यालय के बारे में सकारात्मक धारणा बनेगी और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी नई पहचान कायम होगी।
कक्षा को प्राथमिकता : हम चाहते हैं कि नियमित रूप से सैद्धान्तिक एवं प्रायोगिक कक्षाओं का संचालन हो। हमने विद्यार्थियों से अपील की है कि यदि कोई शिक्षक कक्षा में नहीं आते हैं, तो विद्यार्थी उन्हें फोन करें, लेकिन आज तक किसी विद्यार्थी ने इस संदर्भ में फोन नहीं किया।
नैक से मूल्यांकन को प्राथमिकता : हम अपने विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय पहचान दिलाने हेतु इसका नैक से मूल्यांकन कराने हेतु प्रतिबद्ध हैं। फरवरी में नैक मूल्यांकन के सम्बन्ध में विश्वविद्यालय स्तर पर एक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
शिक्षकों की प्रोन्नति, कर्मचारियों का स्थायीकरण : शिक्षकों को नियमानुकूल प्रोन्नति का लाभ देने की प्रक्रिया जारी है। विश्वविद्यालय में कार्यरत संविदाकर्मियों को स्थाई किया गया है। शिक्षकेत्तर कर्मियों के लाभार्थ एसीपी एवं एमएसीपी लागू किया जा चुका है।
सेवानिवृत्त कर्मियों का विशेष ध्यान : सेवानिवृत्त शिक्षक एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के सेवा निवृत्त लाभांश का भुगतान अद्यतन हो चुका है तथा वेतन एरिअर एवं पेंशन एरिअर के भुगतान करने की प्रक्रिया चल रही है। 80 प्रतिशत अवकाश प्राप्त शिक्षकों एवं कर्मचारियों का पीपीओ जारी हो चुका है।
जीवंत अकादमिक माहौल : कुलपति ने कहा कि हम चाहते हैं कि हमारे पूरे विश्वविद्यालय में जीवंत शैक्षणिक वातावरण बने।हमने दिसंबर में दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। एक फरवरी को भूपेन्द्र नारायण मंडल की जयंती मनाई जाएगी। उसी दिन से एक वर्ष तक चलने वाले रजत जयंती समारोह की शुरुआत होगी।
नियमित सत्र और कदाचारमुक्त परीक्षा : हम सत्र नियमित करने हेतु प्रतिबद्ध हैं। इसी उद्देश्य से परीक्षा कैलेंडर एवं एकेडमिक कैलेंडर जारी कर दिए गए हैं। पूर्णियांं विश्वविद्यालय के क्षेत्राधीन महाविद्यालयों की परीक्षा लेने में कुछ बाधाएंं उत्पन्न हो रही हैं। इसके बावजूद हम कदारचारमुक्त परीक्षा संचालन हेतु प्रतिबद्ध हैं। ससमय परीक्षा और त्रुटिरहित परीक्षाफल प्रकाशन हमारी प्राथमिकता है।
नए पाठ्यक्रमों की शुरूआत : विश्वविद्यालय मुख्यालय में बीलिस एवं एमलिस की पढ़ाई शुरू की गई है। विश्वविद्यालय स्तर पर सत्र – 2019 – 20 से बीएड एवं एमएड की पढ़ाई शुरू की जाएगी।
विभिन्न कोषांगों की सक्रियता : हम शिकायतों के 8त्वरित निष्पादन हेतु प्रतिबद्ध हैं। इस हेतु शिकायत निवारण कोषांग (ग्रिवांस सेल) को सक्रिय किया गया है।
नार्थ कैम्पस एवं साउथ कैम्पस : हमने नये नाॅर्थ कैम्पस में विज्ञान संकाय, सामाजिक विज्ञान संकाय का स्थानान्त किया गया है। शीघ्र ही मानविकी के विषयों को स्थानान्तरित किया जाएगा।
बुनियादी सुविधाओं की बहाली : हम सभी विद्यार्थियों एवं कर्मियों को बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु प्रतिबद्ध हैं। वर्षों से बन्द पड़े जीम को चालू किया गया है। महिला छात्रावास को चालू करने का प्रयास किया जा रहा है. मधेपुरा लोकसभा क्षेत्र के सांसद के सौजन्य से एक बस की सुविधा उपलब्ध है।
खेल – कूद को बढ़ावा : पठन-पाठन के साथ-साथ खेल-कूद एवं सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने हेतु हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। ‘स्पोर्टस कलेन्डर’ जारी कर दिया गया है. ‘एकलव्य’ एवं ‘तरंग’ में हमने काफी अच्छा प्रदर्शन किया। सामाजिक सरोकार : हमने सामाजिक सरोकारों को ध्यान में रखकर बाल विवाह एवं दहेज विरोधी मानव श्रंखला में भाग लिया है. विश्व योग दिवस का आयोजन किया गया है। राजभवन के ‘हर परिसर हरा परिसर’ के संदेश से प्रेरित होकर वन महोत्सव का आयोजन किया गया। ससमय छात्र संघ के चुनाव कराया गया।
बीएनएमयू संवाद : राजभवन संवाद’ की तर्ज पर एक पत्रिका ‘बीएनएमयू संवाद’ का प्रकाशन किया गया है। यह प्रतिका प्रत्येक तीन माह में नियमित रूप से प्रकाशित की जाएगी। इसके पूर्व टीपी काॅलेज एवं मधेपुरा काॅलेज के एनसीसी कैडेट ने गुड्डु कुमार एवं लेफ्टिनेंट गौतम कुमार के नेतृत्व में गार्ड ऑफ ऑनर दिया। कुलपति आवासीय कार्यालय में भी झंडोत्तोलन किया गया। साथ ही कुलपति एवं अन्य ने भूपेन्द्र नारायण मंडल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
इस अवसर पर प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली, वित्त परामर्शी सुरेश चंद्र दास, सिंडीकेट सदस्य द्वय डा परमानंद यादव एवं डा जवाहर पासवान, डीएसडबल्यू डा शिवमुनि यादव, कुलानुशासक डा अरुण कुमार यादव, प्रभारी कुलसचिव डा कपिलदेव प्रसाद, वित्त पदाधिकारी डा एमएस पाठक, पीआरओ डा सुधांशु शेखर आदि उपस्थित थे।
संविधान भारत के सभी नागरिकों को एक मानता है : प्रतिकुलपति
संविधान लागू हुए 68 वर्ष बीत गया। इतने दिनों में संविधान को प्रौढ़ होना चाहिए। हम आत्ममंथन करें कि जिन मूल्यों के लिए संविधान बना, हम उनका कितना संरक्षण एवं संवर्धन कर रहे हैं।
यह बात बीएनएमयू प्रति कुलपति प्रो डा फारूक अली ने कही। वे शनिवार को गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर नार्थ कैम्पस में झंडोत्तोलन के बाद जनसमूह को संबोधित कर रहे थे। प्रति कुलपति ने कहा कि संविधान भारत के सभी नागरिकों को एक मानता है. हम एक हैं। हर स्तर पर यह दिखना भी चाहिए।
अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाएंं, तभी गणतंत्र होगा सफल : प्रति कुलपति ने कहा कि गणतंत्र के चार स्तंभ हैं-विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं खबरपालिका। ये चारों स्तंभ अपनी-अपनी जिम्मेदारी निभाएंं, तभी गणतंत्र सफल होगा। प्रति कुलपति ने कहा कि हमारा लोकतंत्र मजबूती से आगे बढ रहा है। खतरे की घङी में हम एक हो जाते हैं।
इस अवसर पर वाणिज्य संकायाध्यक्ष डा लम्बोदर झा, परिसंपदा पदाधिकारी शैलेन्द्र कुमार, डीआर एकेडमिक डा एमआई रहमान, पीआरओ डा सुधांशु शेखर, डा आरकेपी रमण, डा आरपी मंडल, डा सीताराम शर्मा, डा नरेश कुमार, डा प्रज्ञा प्रसाद, डा रीता सिंह, डा मोहित कुमार घोष, डा पीएन सिंह, डा सिद्धेश्वर काश्यप, डा शंकर कुमार मिश्र आदि उपस्थित थे।
महाविद्यालयों में भी दी गई तिरंगे को सलामी : वहीं डीएसडबल्यू डा शिवमुनि यादव ने विज्ञान परिसर में झंडोत्तोलन किया। खेल सचिव डा मो अबुल फजल ने जुबली स्पोर्ट्स काॅम्पलेक्स परिसर में झंडोत्तोलन किया। साथ ही टीपी कॉलेज में प्राचार्य डा केपी यादव, पीएस कॉलेज में प्राचार्य डा राजीव सिन्हा, मधेपुरा कॉलेज में प्राचार्य डा अशोक कुमार, राजकीय अंबेडकर कल्याण छात्रावास में छात्रावास अधीक्षक डा जवाहर पासवान ने शनिवार को तिरंगा को सलामी दिया।
भूपेंद्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय साहुगढ़ में गणतंत्र दिवस पर महाविद्यालय प्राचार्य डा केएस ओझा ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया औरआगत अतिथियों, शिक्षकों, शिक्षकेतर कर्मियों, छात्र -छात्राओं को हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर डा औझा ने अमर शहीदों, सेनानियों, वीर सपूतों एवं महापुरुषों को स्मरण तथा नमन किया. महाविद्यालय के विकास की चर्चा करते हुए उन्होंने भूपेंद्र बाबू, बालमुकुंद बाबू एवं अन्य सभी योगदान देने वाले मनीषियों के प्रति सम्मान तथा आभार निवेदित किया और सबको महाविद्यालय तथा राष्ट्र के विकास में तत्पर रहने का आह्वान किया।