नालंदा : पारिवारिक जिम्मेदारियां निभाते हुए आलिया खातून बनी लेखिका

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मो0 मुर्शीद आलम
ब्यूरो, नालंदा

नालंदा / बिहार : जिले के इस्लामपुर में एक महिला ने पारिवारिक जिम्मेदारियों को निभाते हुए लेखिका बन गई। यह वाक्य दूसरों को सोचने के लिए मजबूर कर देता है। इसे कहते हैं कि अगर हौसला बुलंद और इरादा नेक हो तो सफलता आपके कदम चूमेगी । यही कर दिखाया आलिया खातून ने।

 बिहार के जहानाबाद जिला के खान बहादुर मोहल्ला में सैयद मोहम्मद शेर के यहां पैदा हुई आलिया खातून, उर्दू से एम ए करने के बाद उसकी शादी नालंदा जिला के इस्लामपुर के मलबिगका मोहल्ले में हुई । आलिया खातून दो भाई और एक बहन थे। इनकी शादी 1985 में   इस्लामपुर के मल बिगहा मोहल्ले में सैयद एहसान के लड़के सैयद परवेज़ एहसान के साथ हुई थी । इस तरह घर के कामों के करने के बावजूद भी पुस्तक लिखने का सिलसिला बदस्तूर जारी रहा । उन्होंने अपनी दो किताबें लिखी, गरीबी के ऊपर, दूसरा समाज के ऊपर जब के बराबर उर्दू में छपने वाली खातून मशरीक ,प्रभाव ए आदाब में कई कहानियां लिख चुकी। आलिया खातून के तीन बच्चे हैं, जिसमें दो लड़के एक लड़की है।

आलिया खातून ने एक खास मुलाकात में कहा कि हर व्यक्ति को सिर्फ हौसला होना चाहिए, अगर हौसले की उड़ान है तो वह आसमान पर भी अपने मंजिल को पा सकती हैं। कोई भी काम नामुमकिन नहीं, इसलिए की लेखिका के काम में ससुराल वालों की जानिब से भी उनको पूरी तरह मदद मिली और आज यह मुकाम हासिल की।


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