दरभंगा : मिथिला विश्वविद्यालय बंद रहा सफल, सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने किया विरोध

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ज़ाहिद  अनवर (राजु)
उप संपादक

दरभंगा/बिहार : ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा) के द्वारा 23 सूत्री मांग को लेकर आज मिथिला विश्वविद्यालय बंद किया गया। बंद जुलूस नरगाना गेट्स कैंटीन होते हुए विश्वविद्यालय पहुंचा जहां परीक्षा बीघा को बंद कराते हुए विद्यालय मुख्यालय को बंद कराया। मार्च का नेतृत्व आइसा जिला अध्यक्ष प्रिंस राज, समस्तीपुर जिला अध्यक्ष सुनील कुमार, स्नातकोत्तर विभाग के अध्यक्ष दिलीप कुमार, जिला उपाध्यक्ष रिद्धि रानी, गुंजन कुमारी, प्रीति कुमारी, मनिसा कुमारी, ममता कुमारी आदि ने किया।

मांग पत्र में स्नातकोत्तर में अप्रत्यशित फीस बृद्धि, द्वितीय सेमेस्टर के रिजल्ट में गरबरी, समय पर परीक्षा व समय से दोषमुक्त परिणाम देने, सिलेबस पूर्ण रूप से खत्म होने तक परीक्षा की तिथि घोषित करने, सभी तरह के प्रमाण उत्तर को समय और देने, सीएम लॉ कॉलेज को पूर्ण स्वयत्तता देने, एलएलएम की पढ़ाई शुरू करने, महाविद्यालय से लेकर स्नातकोत्तर तक तमाम आधारभूत संरचना को दुरुस्त करने, छात्र-छात्राओं के लिए बने छात्रावास को छात्र-छात्रा के बीच सुपुर्द करने, नरगौना परिसर में नामांकन काउंटर स्थापित करने, सीएम कॉलेज में भूगोल, गृह विज्ञान की पढ़ाई शुरू करने, वोमेन्स कॉलेज में गृह विज्ञान की पढ़ाई शुरू करने, एमएलएसएम के एनसीसी समन्यवयक को बर्खास्त करने जिस पर छात्रा के द्वारा छेड़खानी का आरोप लगाया गया था, सभी महाविद्यालयों में स्थायी शिक्षक, कर्मचारी की नियुक्ति करने, सीएम लॉ कॉलेज में स्थायी प्रधानाचार्य नियुक्त करने, डिस्टेंस में सहायक कुलसचिव की नियुक्ति की जांच करने सहित अन्य मांग शामिल है।

वहीं विश्वविद्यालय मुख्यालय आइसा जिला अध्यक्ष प्रिंस राज की अध्यक्षता में आयोजित सभा को संबोधित करते हुए आइसा के राज्य सह सचिव संदीप कुमार चौधरी ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रो के प्रति लापरवाह है। सत्र नियमित करने के नाम पर सिलेबस खत्म हुई बैगर परीक्षा ले लेता है। जिस कारण छात्र लगातर यूजीसी नेट और पीआरटी जैसे परीक्षाओं को पास करने से महरूम हो जाते है। विश्वविद्यालय के भीतर छात्रो की समस्या को निदान करने के प्रति विवि प्रशासन संवेदनहीन बना हुआ है। जिसका उदाहरण है कि 2012 के बाद से विवि से पास छात्रो का मुल प्रमान पत्र नही मिल पाया है। विश्वविद्यालय से लेकर महाविद्यालय तक आधारभूत संरचना की भारी कमी है। लेकिन विवि आपने आप को बिहार का अव्वल विवि मानता है।

वही आइसा जिला अध्यक्ष प्रिंस राज ने कहा कि विवि प्रशासन सत्र नियमित करने की होर मचा रखी है। लेकिन विवि में शिक्षक, कर्मचारी की नियुक्ति पर कोई चर्चा ही नही है। महाविद्यालय से लेकर विश्वविद्यालय तक शिक्षक कर्मचारी की घोर कमी है। उन्होने कहा कि जब तक शिक्षक कर्मचारी की नियुक्ति नही होगी तब तक सत्र नियमित नही हो सकता है। वही आइसा समस्तीपुर जिला अध्यक्ष सुनील कुमार ने कहा कि वोमेन्स कॉलेज में लगातार स्नातक व स्नातकोत्तर में गृह विज्ञान की पढ़ाई शुरू से मांग की जा रही है। लेकिन विवि प्रशासन अभी तक मांग को पूरा नही किया गया। जिसके खिलाफ समस्तीपुर में आंदोलन को और तेज़ किया जाएगा।

बंद में आइसा जिला उपाध्यक्ष निशा कुमारी, मोहम्मद तालिब, सहाबुद्दीन, उज्जवल कुमार, सुरेंद्र कुमार, राज लाल साह, प्रिंस कुमार, दीपक कुमार, परविंदर राम सहित सैकड़ो कार्यकर्ता शामिल थे। बंद के दौरान कुलसचिव के साथ वार्ता हुई। जिसमें 18 जनवरी से 23 जनवरी तक होने वाली परीक्षा को स्थगित किया गया। सभी मांगो पर सकारात्मक वार्ता हुई।


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