अलीनगर/बेनीपुर/दरभंगा/बिहार : अलीनगर प्रखंड मुख्यालय के सभागार मे राजमिस्त्री को सात दिवसीय प्रशिक्षण आज प्रारंभ हुआ। भूकंप के अति संवेदनशील जोन मे अवस्थित दरभंगा जिले में भवनों के भूकंपरोधी, चक्रवातरोधी एवं बाढ़रोधी भवनों के निर्माण एवं पूर्व निर्मित भवनों के सुदृढ़ीकरण के विषय पर बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा जिले के आठ प्रखंडों में अनुभवी राजमिस्त्रियों का सात दिवसीय प्रशिक्षण का प्रारंभ दीप प्रज्वलित कर किया गया।
इस मौके पर बिहार राज्य आपदा प्रबंधन के तकनीकी सलाहकार डॉक्टर सुनील कुमार चौधरी ने कहां कि यह प्रशिक्षण दरभंगा जैसे जिले के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि समूचा दरभंगा जिला भूकंप एवं वाढ़ की दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील है। दरभंगा को भूकंप की दृष्टि से जोन 5 में रखा गया है। उन्होंने कहा कि भवन निर्माण कार्यों में भूकंपरोधी तकनीक अपनाकर भूकंप से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। डॉ सुनील चौधरी ने कहा कि भूकंप आने पर सबसे ज्यादा नुकसान लोगों की अज्ञानता एवं भवनों के गिरने के कारण होता है। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति भवन निर्माण में पूंजी लगाकर अपने परिवार और पूंजी को सुरक्षित करना चाहता है तथा राजमिस्त्री भवन निर्माण प्रक्रिया की सबसे महत्वपूर्ण कडी़ है। इसलिए राजमिस्त्रीयों को कम लागत में भूकंप रोधीभवन निर्माण की सभी जानकारियां उपलब्ध कराना आवश्यक है ताकि वे इस तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग भवन निर्माण में कर सके।
उन्होंने प्रशिक्षण ले रहे राजमिस्त्रीयों से प्रशिक्षण में सिखाई जा रही भूकंप रोधीभवन निर्माण तकनीक की बारीकियों को गहनता से सीख कर अपने अन्य साथी मिस्त्रियों को भी सिखाने को कहा तथा इसका उपयोग करते हुए अधिक से अधिक भवन निर्माण कर लोगों को लाभान्वित करने को कहा। उन्होंने उपस्थित राजमिस्त्रीयों से आग्रह किया कि कार्यशाला मे बताई जाने वाली विधि को ध्यान से समझें एवं उपस्थित प्रशिक्षक से नियमित प्रश्न पूछे ताकि उनकी जिज्ञासा का समाधान हो सके। उन्होंने जनता से भी अपील करते हुए कहा कि जो भी मकान बनाएं वह भूकंपरोधी अवश्य हो ताकि किसी भी भूकंप का आसानी से सामना किया जा सके।
इस कार्यक्रम के तहत एक प्रखंड में 30 राजमिस्त्री जिन्हें ईट जोड़ने शटरिंग करने छड़ बांधने कंकरीटिंग करने एवं छत बनाने में अनुभव प्राप्त है प्रशिक्षण ले रहे हैं जिन्हें प्रोजेक्टर के माध्यम से भूकंप रोधी चक्रवातरोधी एवं बाढ़ रोधी की तकनीकी जानकारी दी जाएगी। इसके बाद प्रखंड की भूमि पर स्थलीय अभ्यास मॉडल का निर्माण एवं रिट्रोफिटिंग कराया जाएगा। प्रशिक्षण की अंतिम दिन प्रोत्साहन राशि की तौर पर प्रत्येक राजमिस्त्री को ₹700 प्रतिदिन की दर से ₹4900 का चेक एवं परीक्षा में पास करने वाले सभी राजमिस्त्री को प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
अंत में डॉक्टर चौधरी द्वारा रचित गीत “भूकंप में नहीं गिरेगा मकान” के सामूहिक गान के साथ कार्यक्रम की समाप्ति हुई। मौके पर अंचलाधिकारी राजिव रंजन, बीडीओ रितेश कुमार, कर्मचारी, इंजीनियर ट्रेनर्स, मेसन ट्रेनर जनप्रतिनिधि जिप सदस्य मो० सिराजुद्दीन प्रखंड प्रमुख पति मो० लुतफुर रहमान एवं जनप्रतिनिधि भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
उधर बेनीपुर प्रखण्ड कार्यालय कैंपस में बिहार राज्य आपदा प्राधिकरण द्वारा आयोजित राजमिस्त्रियों को भी भूकम्परोधी भवन प्रशिक्षण शिविर का उप प्रमुख प्रेम कुमार झा, अंचलाधिकारी पंकज झा, इंजीनियर ध्रुव कुमार ने संयुक्त रूप से दिप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। उपप्रमुख ने कहा ऐसे प्रशिक्षण से गांव के राजमिस्त्री को काफी लाभ मिलेगा। आने वाले समय मे गांव में भी भूकम्परोधी मकान बनेगा और गांव के लोगो को भी मकान को ऐसे प्रलयकाली आपदा से नष्ट होने से बचाया जायेगा। इससे सभी प्रशिक्षण ले रहे राजमिस्त्री का मान सम्मन बढ़ेगा।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मिस्त्री भरत पासवाण, सुरेश दास, रोहित दास और अन्य मिस्त्री मौजूद थे।