मधेपुरा/बिहार : जिलेभर में 12 सूत्री मांग को लेकर आशा कर्मियों द्वारा शनिवार से अनिश्चितकालिन हड़ताल की शूरूआत कर दी गई है। अनिश्चितकालिन हड़ताल को लेकर शनिवार के दिन सदर अस्पताल सहित सभी प्रखंडों में आशा द्वारा प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों का घेराव किया गया। अस्पताल परिसर में 12 सूत्री मांगों को लेकर आक्रोशित आशा कर्मियों की भीड़ दिखी, वहीं आशा कर्मियों ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
मौके पर मौजूद जिला अध्यक्ष रेनु कुमारी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा आशा को ठगने का कार्य किया जा रहा है। केंद्र सरकार द्वारा प्रोत्साहन राशि को दोगुणा करने की घोषणा के बाद भी आज तक हमें इसका लाभ नहीं मिल सका है। उन्होंने कहा कि आशा द्वारा हर घर जाकर जागरूकता के साथ कार्य किया जाता है, लेकिन आशा को कार्य के बदले मजदूर के बराबर भी राशि नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि जब तक आशा को सरकारी सेवक व 18 हजार रूपए नहीं दिया जाता है, तब तक अनिश्चितकालिन हड़ताल जारी रहेगा।
मौके पर सदर प्रखंड अध्यक्ष दीपिका सिंह ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि आशा के लिए 18 हजार मानदेय के साथ नर्सिंग ट्रेनिंग के लिए नर्सिंग स्कूलों में 50 प्रतिशत सीट आरक्षित की जाए। वहीं आशा कार्यकर्ताओं का प्रोत्साहन राशि का भुगतान ससमय किया जाए. उन्होंने कहा कि आशा व फैसिलेटर को समाजिक सुरक्षा दी जाए। वहीं आशा को बीपीएल सुची में शामिल कर सभी सुविधा दी जाए। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किए जा रहे सौतेले व्यवहार को अब सहन नहीं किया जाएगा। जब तक मांग पूरी नहीं की जाती आंदोलन जारी रहेगा।
अपनी मांगों से अवगत कराते हुए आशा कार्यकर्ताओं ने कहा कि 29 जून 2015 के समकोता के मानदेय निर्धारण सहित अन्य अकार्यान्वित बिंदुओं को लागू किया जाए, कार्यकर्ताओं को सरकारी सेवक घोषित करने के साथ 18000 न्यूनतम वेतन दिया जाए, योग्यता धारी आशा के नर्सिंग ट्रेनिंग के लिए नर्सिंग स्कूलों में 50 प्रतिशत सीट आरक्षित किया जाए, आशा द्वारा निबंधित प्रसव प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लाने के बाद सदर जाने के बाद भुगतान निश्चित किया जाए, सभी आशा कार्यकर्ताओं को गाइडलाइन के अनुसार प्रोत्साहन राशि का बकाया ससमय भुगतान किया जाए, उच्च स्तरीय समिति की सेवा अवधि सेवा शर्त मानदेय सहित अनुशंसा का लाभ आशा तथा फैसिलिटी को स्वीकृत किया जाए, आशा तथा फैसिलिटेटर को सभी प्रकार के सामाजिक सुरक्षा ईपीएफ ईएसआई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा इत्यादि दी जाए, सभी आशाओं को बीपीएल सूची में शामिल करते हुए स्थानीय जन वितरण प्रणाली दुकान से सस्ते दर प्रतिमा 35 किलो अनाज तथा अन्य सामग्री सुनिश्चित किया जाए। आशा कर्मी के साथ चिकित्सक चिकित्सक कर्मियों द्वारा दुर्व्यवहार पर शक्ति रोक लगाया जाए, मुस्कान योजना में टीकाकरण एवं धन के आधार पर प्रोत्साहन राशि में कटौती पर रोक लगाते हुए आशा को पूर्ण भुगतान किया जाए, आंदोलन के क्रम में चयन मुक्ति किए गए आशाओं गौ सेवा में वापस लिया जाए।
ज्ञात हो कि नवंबर 2007 में धरना प्रदर्शन के दौरान 30 आशाओं को सेवा समाप्ति की गई थी।