किशनगंज/बिहार : जिले में अवैधरुप से किये जाने वाली शराब तस्करियों में मद्धनिषेध अधिनियम की धारा 30 (ए) के तहत जब्त शराब के 5,458 .452 लीटर अबैध शराबों को तीन विनष्टीकरण केंद्रों पर नष्ट कर जमींदोज किया गया । इस मौके पर उत्पाद विभाग सहित पुलिस पदाधिकारियों की मौजूदगी रही ।
जैसा कि अवैध शराब विनष्टीकरण के लिए जिलाधिकारी, किशनगंज ने कुल तीन केंद्र बनाकर उचित निगरानी में उक्त मात्रा को नष्ट कर जमींदोज कराया । केंद्रों में से गरभनडंगा में 1984 .452 ली., बहादुरगंज में 441 .450 ली . और जिला मुख्यालय में 3474 .02 लीटर विदेशी, नेपाली और चुलाई शराबों को तोड़कर जमींदोज कर दिया गया ।
इस मौके पर उत्पाद विभाग के एस .आई .संजय कुमार गरभनडंगा में थानाध्यक्ष गरभनडंगा, दिघलबैंक थानाध्यक्ष के साथ , बी .डी .ओ .दिघलबैंक के समक्ष 1543 ली. शराबों को नष्ट कराया । वहीं बहादुरगंज में दंडाधिकारी सी .ओ .कौशर इमाम ने थानाध्यक्ष बहादुरगंज इरशाद आलम , कोचाधामन थानाध्यक्ष आशिफ वेग और गलगलिया थानाध्यक्ष मो. सज्जाद एवं कोढ़ोबाड़ी , फतेहपूर थाना के प्रतिनियुक्त पुलिस पदाधिकारियों के समक्ष उत्पाद निरीक्षक मनोज कुमार “मनोज ” ने 441 .450 एम .एल .जप्त विभिन्न तरह के शराबों को नष्ट करवाया । जबकि किशनगंज जिला मुख्यालय में सबसे अधिक 3474 .02 एम .एल .शराबों को नष्टकर कुल 5458 .452 ली. जप्त शराबों को नष्टकर जमींदोज करा दिया है ।
बताते चलें कि इतनी बड़ी मात्रा में अबैध शराबों के विनष्टीकरण के बाद एवं सैकड़ों लोगों को सलाखों के पीछे ढकेलने के बाद भी पीने पिलाने का सिलसिला कम होता नहीं दिख रहा है । जबकि पुलिस की तिरछी नजरें तथाकथितों पर जमीं रहती है पर कहना लाजमी होगा कि पुलिस एक अनार सौ बीमार की कहाबतों के बीच जेल जाने बाले लोगों के आंखों की किरकिरी बनी रहती है । ऐसे में अगर केवल पुलिस की जिम्मेदारियों को समझ लिया जाय तो “आईने के सौ टुकड़े करके देखे हैं हमने , एक में भी तन्हा थे और सौ में भी अकेले हैं ” ।