किशनगंज/बिहार : SSB 12 बटालियन ने बाल सुधार गृह में बच्चों के साथ दीपावली मनाई । इस मौके पर बटालियन के सेनानायक दिनेश चंद्र नेगी और उप सेनानायक ने संयुक्त रुप से बच्चों में मिठाईयाँ बांटी ।
किशनगंज में स्थापित सशस्त्र सीमा बल ने बच्चों के साथ दीपावली का त्योहार मनाकर अपने मूलमंत्र सेवा -सुरक्षा और वंधुत्व की भावनाओं को फिर से एक बार उजागर कर दिया है । चाहे वह भारत नेपाल की दुर्गम सीमाओं की सुरक्षा हो या देशहित में किया गया समाजिक उत्थान के क्रियाकलाप, ये सबों से एक कदम आगे दिख जाते हैं । दीपावली का त्योहार मनाते सेनानायक डी.सी. नेगी ने यहाँ के शिक्षकों से कहा कि -सशस्त्र सीमाबल हमेशा आपके साथ है । जिसकी जरुरत पड़ने पर यह सदैव तत्परता से आपके साथ होगा ।
बताना लाजमी होगा कि भारत चीन युद्ध के बाद स्पेशल सर्विसेस व्यूरो के रुप में इस अर्धसैनिक बल की स्थापना 1963 में की गई थी ।जिसे बाद में इन्डो नेपाल वार्डर सुरक्षा के लिए जिम्मेदारियां सौपी गई । भारत-नेपाल सीमा की सुरक्षा की जिम्मेदारियों को कुछ समय तक निर्वहन करने के बाद इसका नया नामकरन सशस्त्र सीमाबल के रुप में किया गया । यह वही समय है जब किशनगंज जिले की सीमाओं से लगे इन्डो नेपाल की जिम्मेदारियां निभाने हेतु 21 बटालियन की तैनाती यहाँ की गई और बड़ी परेशानियों के बीच इन्हें बार्डर पर भेज दिया गया । जहां पर आवास, सुरक्षा और पेयजल सहित अन्य परेशानियों को नकारते सैन्यबलों ने परिस्थितियों से समझौता कर तिरंगे का मान अक्षुण्ण रखा ।
कुल 17 सालों में बहुत कुछ बदला, आवास, सुरक्षा का बंदोवस्त किया गया । जहां रहकर ये दिनरात राष्ट्र विरोधियों से लोहा लेते रहे । पर सेवा सूरक्षा और वंधुत्व पर आधारित एस .एस .बी . आज अपना मुकाम हांसिल करने में कामयाब हुई । फिर समय सीमा पूरा कर 21 वीं बटालियन की जगह 12 वीं बटालियन ने ली । जहाँ इस बटालिन ने मादक पदार्थों की तस्करियों में लोगों को सलाखों के पीछे ढकेलकर जप्ती में अव्वल स्थान भी प्राप्त करते हुए सम्मानित भी हुए । इस बटालियन के तेज तर्रार और अनुभवी उप सेनानायक के .सुन्दरम को गृह मंत्रालय ने दिल्ली बुलाकर सम्मानित किया । जिसके कारण बारहवीं बटालियन ने काफी ख्याति अर्जित की । जबकि अब इस बटालिन की भी समय सीमा इस जिले में समाप्त होने को आई है ।दीपावाली के मौके पर जाते जाते बालगृह के बालकों पर इस बटालिन ने एक अमिट छाप रख छोड़ी है । इस मौके पर उप सेनानायक वीरेन्द्र सिंह चौधरी की गरिमामयी उपस्थिति बच्चों का मनोबल बढा़ती हुई दिखी ।