शंकरपुर सी ओ को पैसा नहीं मिलता है तो जानबूझ कर आवेदन को कर देते हैं रिजेक्ट – प्रमुख

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मधेपुरा/बिहार : शंकरपुर अंचल कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। शंकरपुर अंचल के अंचलाधिकारी राहुल कुमार के कृत्यों को लेकर अंचल क्षेत्र में जनता के बीच आक्रोश व्याप्त है। इसे लेकर बीते 11 अगस्त को शंकरपुर प्रखंड मुख्यालय में जनता और जन प्रतिनिधियों का संगठन संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले धरना भी दिया गया था। जिसके बाद एक पब्लिक पिटीशन भी जिला पदाधिकारी तरनजोत सिंह को भेजा गया था। धरना के लगभग 15 दिन बीत जाने के बाद भी अब तक शंकरपुर अंचल के अंचलाधिकारी राहुल कुमार के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इसे लेकर हम सभी जन प्रतिनिधि जल्द ही डीएम और प्रमंडलीय आयुक्त से भी मुलाकात करेंगे। उक्त बातें रविवार को जिला मुख्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान शंकरपुर प्रखंड प्रमुख स्मिता आनंद ने कही।
वरीय अधिकारी के आदेश और सरकार के कानून का बनाया जा रहा है मजाक : प्रखंड प्रमुख स्मिता आनंद ने कहा कि हम जनता और सरकार को बताना चाहते हैं कि किस तरह से सीओ राहुल कुमार अंचल क्षेत्र में भूमि विवाद को कम करने के बजाय उसे और बढ़ाने का काम कर रहे हैं। गरीब जनता का दाखिल खारिज के नाम पर आर्थिक शोषण किया जा रहा है। वरीय अधिकारी के आदेश और सरकार के कानून का मजाक बनाया जा रहा है। सीओ के आतंक से दर्जनों पीड़ित लोगों का लिखित आवेदन तक हमारे पास आया है।
उगाही के मनसे से की गई कार्रवाई का सबसे बड़ा उदहारण है रुबेदा खातून का मामला : शंकरपुर प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि विवेक कुमार ने कहा कि सीओ राहुल के द्वारा बरती गई लापरवाही या अबैध उगाही के मनसे से की गई कार्रवाई का सबसे बड़ा उदहारण रुबेदा खातून का मामला है। जिसमें बिहार भूमि विवाद निराकरण अधिनियम 2009 के तहत डीसीएलआर कोर्ट के स्पष्ट आदेश होने के बाद भी नौ माह बीतने पर भी उसे लागू नहीं किया गया है। इस मामले में तो पीड़ित महिला रुबेदा खातून ने सीओ राहुल कुमार पर एक लाख रूपया मांगने का आरोप लगाया है। विवेक कुमार ने कहा कि सीओ राहुल कुमार के द्वारा कोल्हुवा वार्ड नंबर नौ निवासी सुरेंद्र मंडल से बासगिद पर्चा के रसीद को ऑनलाइन चढाने के एवज में 10 हजार रूपया लिया गया, लेकिन छह माह से अधिक बीतने के बाद भी उनका काम नहीं हुआ। इसी तरह रिंकी कुमारी से रसीद को ऑनलाइन चढाने के एवज में 25 हजार रूपया लिया गया.
लोगों को गलत जमीन की रसीद कटाने की मिली है लिखित शिकायत : प्रमुख प्रतिनिधि विवेक कुमार ने कहा कि सीओ राहुल कुमार द्वारा लाखों रुपये लेकर बिना जांचे परखे कई लोगों को गलत जमीन की रसीद कटाने की लिखित शिकायत भी मिली है। कजरा गिद्धा निवासी ज्ञानेश्वर कुमार यादव और उनके परिजनों के जमीन का रसीद शशिभूषण यादव और उनके परिजनों को भी काटा गया है, लेकिन ज्ञानेश्वर यादव के परिजनों की जमीन में से उसे घटाया नहीं गया है। इसी तरह सुरेंद्र यादव का बासगीत पर्चा वाला जमीन का रसीद संजीव कुमत को काट दिया गया है. महेंद्र ऋषिदेव का जमीन का भी रसीद दुसरे लोगों को काट दिया गया.
जदयू के जिला महासचिव योगेंद्र यादव ने कहा कि दर्जनों ऐसी शिकायत है कि सीओ राहुल कुमार, बिचौलियों के माध्यम से दाखिल-खारिज के लिए 25 हजार रुपया से लेकर एक लाख रुपया तक लेते हैं। पैसा नहीं मिलता है तो जानबूझ कर ऐसे आवेदन को रिजेक्ट कर देते हैं, अथवा लटका कर रखते हैं। परिमार्जन के लिए भी अपने बिचौलियों के माध्यम से 25 हजार रुपया से लेकर से 50 हजार रुपया की मांग करते हैं। सीओ के कृत्य से जनता में भारी आक्रोश है। उनके कृत्य से न सिर्फ जनप्रतिनिधियों की साख पर सवाल उठ रहा है, बल्कि सरकार और प्रशासन के खिलाफ भी नाराजगी बढ़ रही है। सरकार व प्रशासन इन बातों पर गंभीरता पूर्वक ध्यान देते हुए भ्रष्ट सीओ राहुल कुमार को अविलंब बर्खास्त कर कानूनी कार्रवाई करें, ताकि सरकार और प्रशासन के प्रति लोगों का असंतोष खत्म हो और विश्वास पैदा हो। अन्यथा हम सभी जनप्रतिनिधि एवं जनता को बाध्य होकर आंदोलन को तेज करना करेंगे, जिसकी सारी जवाबदेही प्रशासन की होगी।
अमित कुमार अंशु की रिपोर्ट


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