मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में एमएड इंट्रेंस टेस्ट-2025 के परिणाम से असंतुष्ट दो छात्र एआईएसएफ जिला सचिव स्टालिन यादव और सह-सचिव आर्यन आनंद ने शनिवार देर शाम से आमरण अनशन शुरू कर दिया है। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय द्वारा जारी परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी की गई है। बताया गया कि एमएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम दो बार जारी किया गया। इसके बावजूद परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी है। छात्रों ने ओएमआर शीट की छाया प्रति उपलब्ध करवाने और कांपी की दोबारा जांच करने की मांग की है।
आपत्ति जताई तो 10 दिन बाद विश्वविद्यालय ने संशोधित परिणाम किया जारी
आमरण अनशन पर बैठे छात्र शुभम स्टालिन और आर्यन आनंद संतुष्ट ने बताया कि पहली बार दो जुलाई को घोषित परिणाम में दोनों छात्रों (रोल नंबर 25052 और 25294) को 52-52 अंक दिए गए थे। इस दौरान विश्वविद्यालय की ओर से उत्तर कुंजी भी जारी नहीं की गई। छात्रों ने जब इस पर आपत्ति जताई तो 10 दिन बाद विश्वविद्यालय ने संशोधित परिणाम जारी किया, जिसमें एक छात्र को 59 और दूसरे को 60 अंक दिए गए। हालांकि इस संशोधित परिणाम से भी दोनों छात्र शुभम स्टालिन और आर्यन आनंद संतुष्ट नहीं हैं। उनका दावा है कि उन्हें कम से कम 65 अंक मिलने चाहिए थे।
मेरिट लिस्ट में दोनों छात्र मात्र दो-दो अंकों से चयन से रह गए वंचित
छात्र शुभम स्टालिन और आर्यन आनंद ने बताया कि उन्होंने बीएनएमयू परीक्षा नियंत्रक डा. शंकर कुमार मिश्रा और डीएसडब्ल्यू डा. अशोक कुमार सिंह को कई बार लिखित आवेदन देकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई, लेकिन अब तक किसी भी स्तर पर उनकी शिकायत पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। इस बीच 30 जुलाई को विश्वविद्यालय द्वारा जारी मेरिट लिस्ट में दोनों छात्र मात्र दो-दो अंकों से चयन से वंचित रह गए। छात्र शुभम स्टालिन और आर्यन आनंद संतुष्ट का कहना है कि इसके लिए पूरी तरह से विश्वविद्यालय प्रशासन जिम्मेदार है। उन्होंने मांग किया है कि उनकी ओएमआर शीट की छायाप्रति उपलब्ध कराई जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे और उन्हें न्याय मिल सके। मौके पर एआईएसएफ जिला अध्यक्ष वसीमुद्दीन, आइसा जिला सचिव पावेल कुमार, युवा शक्ति के अमन यादव, ललटू, शेखर, हर्ष, सतीश, प्रियांशु, श्याम, सौरभ समेत अन्य उपस्थित थे। मामले में बीएनएमयू परीक्षा नियंत्रक डॉ. शंकर कुमार मिश्रा ने बताया कि अनशनकारी छात्रों का आरोप गलत है। एमएड इंट्रेंस टेस्ट-2025 का परीक्षा से लेकर परिणाम तक, सभी कार्य नियम-परिणियम के अनुसार किया गया है।
अमित कुमार अंशु की रिपोर्ट