बिहार भ्रमण में तुषार दा का आमजन से संवाद दिला रही बापू के दौर की याद

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मधेपुरा/बिहार : लगभग तीन दर्जन सामाजिक संगठनों के सहयोग से जारी “बदलो बिहार-नई सरकार यात्रा” के क्रम में दो दिनों से कोशी प्रमंडल में जनसंवाद करने के उपरांत अररिया जाने के क्रम में मधेपुरा पहुंचे प्रखर विचारक, चिंतक, लेखक तुषार गांधी ने डाक बंगला रोड स्थित गांधी जी सहित मुख्यालय के अन्य महापुरुषों के प्रतिमा स्थल पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इस दौरान गांधी प्रतिमा स्थल पर आजाद पुस्तकालय के सचिव सह युवा सृजन पत्रिका के प्रधान संपादक डॉ हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने गर्मजोशी से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी की आगवानी की वहीं  दोनों ने एक दूसरे का कुशलक्षेम पूछा और फिर बापू के प्रतिमा स्थल पर माल्यार्पण और प्रेस संवाद के लिए बढ़ गए।

तुषार गांधी की यात्रा में बापू के संघर्ष की मिलेगी खुशबू : मौके पर महाराष्ट्र और तमिलनाडु में आधे दर्जन मंचों पर तुषार गांधी के साथ मंच साझा करने वाले डॉ हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने इस क्षेत्र की सबसे बड़ी राजनीतिक हस्ती भूपेंद्र नारायण मंडल पर केंद्रित सदन में भूपेंद्र नारायण मंडल पुस्तक भेंट कर उनका अभिवादन किया। बिहार यात्रा पर आम लोगों से जमीनी संवाद पर राठौर ने बधाई देते हुए कहा कि सामाजिक कार्यकर्ता तुषार गांधी जी का साठ साल से अधिक की उम्र में यात्रा का संकल्प एक सकारात्मक एवं प्रेरणादायक प्रयास है उम्मीद है यह संवाद और भ्रमण बिहार को और अधिक समझने, बिहार के साथ और अधिक जमीनी स्तर पर जुड़ने का मौका देगा क्योंकि आमजन से संवाद और समय व्यतीत से कई ऐसी बातों को जानने का अवसर प्राप्त होगा जो अक्सर ऊपर से समझ नहीं , वहीं इस दौरान बापू के संघर्षों की खुशबू से जोड़ने का काम करेगी जो आजादी के आंदोलन में से अब तक बिहार के कण कण में व्याप्त है। बिहार के दर्जनों सामाजिक संगठनों का यह प्रयास सराहनीय है।

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आमजन से जुड़ने, बातों को सुनने, समझने और उसके समाधान के लिए जाने जाते हैं तुषार दा : डॉक्टर राठौर ने कहा कि तुषार गांधी आमजन से जुड़ने, उनकी बातों को सुनने, समझने, जानने और उसके समाधान के लिए प्रयास के लिए जाने जाते हैं यह यात्रा भी इसी अनुरूप है आशा है इससे भी कई प्रभावकारी बातें निकलेगी। यह बिहार भ्रमण बिहार के संबंध में उनकी परिपक्वता को और ऊंचाई देगी। सरकार की नीतियों, वर्तमान परिस्थितियों में बदलाव को लेकर इस उम्र में उनका भ्रमण  समाज के प्रति उनकी चिंता और समर्पण को दिखाती है।

तुषार गांधी का मधेपुरा आना गौरवशाली पल : इस दौरान डॉक्टर हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने तुषार गांधी का मधेपुरा आने पर आभार जताते हुए कहा यह जिले के लिए गौरव का विषय है कि वो मधेपुरा आए यह गौरवशाली पल है इसे भविष्य बड़े आदर से संजो कर रखेगा। इस दौरान राठौर ने महात्मा गांधी के संघर्ष में कोशी के जुड़ाव और यहां की राजनीतिक, सांस्कृतिक विरासत को भी संक्षिप्ता में अवगत कराया। तुषार गांधी ने स्थानीय स्तर पर लोगों के मिले प्यार और सम्मान के लिए आभार जताया। मधेपुरा से अररिया निकलने के दौरान भी दोनों ने एक दूसरे का अभिवादन किया ।

विपुल प्रतिभा के धनी तुषार गांधी सादगी के हैं पर्याय : कई मंचों पर तुषार गांधी के साथ काम कर चुके युवा साहित्यकार डॉक्टर हर्ष वर्धन सिंह राठौर बताते हैं कि तुषार गांधी के पास जहां राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रपौत्र होने की गौरवशाली विरासत है वहीं मुद्रण में डिप्लोमा की डिग्री भी है। महात्मा गांधी फाउंडेशन की स्थापना, लोक सेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष के रूप में मिल मजदूरों का कल्याण, ऑस्ट्रेलियन इंडियन रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन के अध्यक्ष, आईएसपी के राजदूत जैसे पदों पर अपनी भूमिका के लिए चर्चित रहे। हमेशा शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार की गारंटी की वकालत करते हुए सरकार को इसके लिए संकल्पित होने की पहल की। देश में सामाजिक बदलाव के मुहिम में हमेशा आगे रहे। कई किताबों की रचना की जिसमें 2007 में आई लेट्स किल गांधी नामक पुस्तक बेस्ट सेलर रही ।समाज कल्याण ही तुषार गांधी के जीवन का मूल ध्येय है। देश के सबसे चर्चित परिवार से आने ,विपुल प्रतिभा से धनी होने के बाद भी सादगी उनकी पहचान है। सामान्य कपड़ों में रहने वाले तुषार गांधी महात्मा जैसी जिंदगी जीते हैं और लोगों से उनके बीच में जाकर संवाद को प्राथमिकता देते हैं।


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