मधेपुरा/बिहार : शिक्षा विभाग, मधेपुरा की उदासीनता, अकर्मण्यता और कछुआ चाल की बदौलत जिला के हजारों शिक्षकों को रोटी के लाले पड़ गए हैं। उन्हें लगभग तीन महीने से वेतन भुगतान नहीं हुआ है। बावजूद इसके जिला शिक्षा पदाधिकारी मधेपुरा खामोश हैं।
सनद रहे कि सरकार के आदेशानुसार जिला के हजारों नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षा उत्तीर्ण कर बतौर विशिष्ट शिक्षक राज्यकर्मी बने हैं। नियमानुसार इन विशिष्ट शिक्षकों का PRAN जेनरेट करने के बाद HRMS पर ONBOARD डाटा इंट्री और नये सिरे से वेतन निर्धारण किया जाना है। जानकारी अनुसार उक्त प्रक्रियाओं में देरी को देखते हुए विभाग ने बीच का रास्ता निकालते हुए तत्काल न्यूनतम बेसिक सैलरी भुगतान का आदेश दे रखा है बावजूद इसके महीनों बीत जाने के बाद भी मधेपुरा का शिक्षा विभाग सोया है।
गौरतलब है कि फिलहाल रमज़ान की महीना चल रहा है। इसके बाद ईद त्योहार है । इसी बीच होली का भी त्योहार है लेकिन मधेपुरा शिक्षा विभाग की उदासीनता, अकर्मण्यता और कछुआ चाल की बदौलत शिक्षकों के परिवार केलिए त्योहार बेरंग बन चुका है। ध्यातव्य है कि बिहार के कई जिलों में विशिष्ट शिक्षकों का वेतन भुगतान किया जा चुका। लिहाजा मधेपुरा के शिक्षकों में आक्रोश गहराता जा रहा है।
इस मामले को लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी का कहना है कि नए नियम के अनुसार जिन शिक्षकों का PRAN जेनरेट के बाद HRMS पर ONBOARD डाटा इंट्री की प्रक्रिया पूरी हो रही है उनका भुगतान किया जा रहा है । उन्होंने कहा कि यह आरोप बेबुनियाद है कि शिक्षकों के वेतन भुगतान में विभाग द्वारा उदासीनता बरती जा रही है, विभाग शिक्षकों के वेतन भुगतान को लेकर विभाग गंभीर है।