मधेपुरा/बिहार : बीएनएमयू में 19 फरवरी को होने वाले दीक्षांत समारोह की तैयारी अंतिम चरण में चल रही है इसको लेकर सबों में उत्सुकता है। वाम युवा संगठन एआईवाईएफ जिला संयोजक हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने दीक्षांत आयोजन को लेकर बीएनएमयू प्रशासन को बधाई देते हुए कुछ बिंदुओं पर पहल की पहल की मांग की है ।
कुलपति को लिखे पत्र में राठौर ने कहा है कि दीक्षा भाषण किसी भी दीक्षांत समारोह का मुख्य आधार और आकर्षण होता है इसलिए दीक्षा भाषण किसी नामचीन विद्वान हस्ती, कुलाधिपति अथवा बड़े हस्ताक्षर से करवाया जाए, अब जब कि दीक्षांत समारोह में मात्र चार दिन शेष हैं फिर भी दीक्षा भाषण देने वाली हस्ती के नाम का सार्वजनिक नहीं होना इस चिंता को प्रबल कर रहा है कि कहीं चयन हुआ है या नहीं?
ज्ञातव्य हो कि पिछले दीक्षांत में दीक्षा भाषण वाली गलती से राजभवन से लेकर सरकार तक बीएनएमयू की किरकिरी हुई थी, इसलिए इस पर गम्भीरता से पहल करते हुए किसी विद्वान हस्ती को बुलाया जाए जिससे दीक्षांत समारोह में शिक्षा के अंत के बाद व नए जीवन सफर के शुरुआत के पहले छात्रों को जीवन का मूलमंत्र प्राप्त हो सके अतीत से दीक्षांत समारोह की यह परम्परा भी रही है। गोल्ड मेडल पाना किसी भी छात्र के जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि होती है इस लिए उसे उस स्तर का सम्मान मिलना चाहिए।
गोल्ड मेडलिस्ट और उनकी कॉपी को मिले उचित सम्मान : गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों को महामहिम राज्यपाल द्वारा सम्मानित करने की पहल होनी चाहिए जो पिछले एक दीक्षांत में पूरा नहीं किया जा सका था जिसके कारण विशेषकर गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों ने काफी नाराजगी जताई थी। वहीं राठौर ने पत्र में संगठन की ओर से आग्रह किया है कि गोल्ड मेडलिस्ट छात्रों की कॉपी बीएनएमयू के वेबसाइट पर लोड करवाया जाए जिससे अन्य छात्रों को भी बेहतर करने की प्रेरणा मिले।
विगत दीक्षांत समारोह में हुई फजीहत से सीख लेने की अपील : साथ ही आयोजन के हर बिंदु से जुड़ी विधि व्यवस्था को भी दुरुस्त रखने की मांग की है।विगत दीक्षांत समारोह में खाने पीने,अतिथियों ,पूर्व कुलपतियों तक के बैठने में दिक्कत, एक विधाद्यक को पानी तक नहीं मिल पाने जैसी स्थिति से बचने के हरसंभव प्रयास की मांग की है ।