मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के दो शोधार्थी अरमान अली और मौसम प्रिया द्वारा कुलपति और विश्वविद्यालय प्रशासन के तुगलकी फरमान से आजीज आ राष्ट्रपति को पत्र लिख उन्नीस फरवरी को राज्यपाल के सामने आत्मदाह की अनुमति मांगे जाने की खबर चर्चा में आने पर वाम युवा संगठन एआईवाईएफ जिला संयोजक हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने त्वरित संज्ञान लेते हुए कुलपति को पत्र लिख अविलंब मामले के निपटाते की मांग की है।कुलपति को प्रो विमलेंदु शेखर झा को लिखे पत्र में राठौर ने कहा कि यह कितना दुखद है कि विश्वविद्यालय को जिन छात्रों का भाग्यविधाता बनना चाहिए वो उनके भविष्य पर ही ग्रहण लगा रहा है जो किसी भी शैक्षणिक परिसर में शुभ संकेत नहीं है।इससे छात्र मानसिक और शैक्षणिक प्रताड़ना के शिकार होते हैं।

सबको साथ लेकर विश्वविद्यालय के विकास की जगह विवादों का केंद्र बन रहा बीएनएमयू : राठौर ने कहा कि भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय तीन दशक के बाद भी वहां नहीं पहुंच पाया जहां पहुंचना था ऐसे में सबको साथ लेकर विकास की पहल की जगह छात्रहित की मांग उठाने वाले दो छात्र नेताओं के पीएचडी कोर्स से निलंबित कर देना तानाशाही फरमान के साथ कुलपति के अड़ियल और तानाशाही सोच को दिखाता है जिसे किसी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जा सकता।
मामले को अविलंब हो निपटारा अन्यथा बड़े आंदोलन की बनेगी रूपरेखा : वाम युवा नेता राठौर ने पत्र में कुलपति को साफ शब्दों में चेताया है कि जिस विश्वविद्यालय ने हमेशा छात्र संगठनों को अपना आंख कान मान सम्मान किया वहां छात्र संगठनों के साथ कुलपति का लगातार विरोधी व्यवहार अब बोझ और विश्वविद्यालय के बदनामी के साथ साथ बर्दास्त से बाहर हो रहा है। अरमान अली और मौशम प्रिया के मामले में अविलंब कुलपति पहल कर मामले को निपटाए अन्यथा वाम युवा संगठन एआईवाईएफ कुलपति भगाओ विश्वविद्यालय बचाओ आंदोलन का शंखनाद का ऐलान करेगा।