मधेपुरा/बिहार (प्रेस विज्ञप्ति) : बीएन मंडल विश्विद्यालय में महिला उत्पीड़न की पीड़िता को न्याय दिलाने को लेकर आंदोलनरत छात्रों का निलंबन के विरोध में संयुक्त छात्र संगठन ने अपने चरणबद्ध आंदोलन के दौरान आज विश्विद्यालय के प्रशासनिक अधिकारियों को चूड़ियाँ भेंट कर विरोध जताया लेकिन इस दौरान ज्यादातर पदाधिकारी विश्विद्यालय स्थित अपने कार्यालय से गायब थे।
एनएसयूआई, छात्र राजद, एआईएसएफ, आइसा, छात्र लोजपा, भीम आर्मी के छात्र नेता कई दर्जन चूड़ी, बैनर के साथ नारेबाजी करते हुए प्रशासनिक भवन में सबसे पहले प्रॉक्टर कार्यालय पहुंचे जहां दिन के 1 बजे भी प्रॉक्टर के कार्यालय में ताला लगा था, जिसके बाद आंदोलनकारी डीएसडब्ल्यू कार्यालय पहुंचे जहां डीएसडब्ल्यू डॉ अशोक सिंह को छात्र संगठनों ने चूड़ी भेट कर नारेबाज़ी किया, जिसके बाद छात्र नेता कुलसचिव डॉ बिपिन राय के कार्यालय पहुँचें लेकिन वे अपने कार्यालय से अनुपस्थित थे, छात्र नेताओं ने कुलसचिव कार्यालय के टेबल पर चूड़ी रख कर परीक्षा नियंत्रक डॉ शंकर मिश्रा के कार्यालय का रुख किया लेकिन वे भी अपने कार्यालय से गायब थे, फिर छात्र नेताओं ने यूएमआईएस कार्यालय होते हुए कुलपति डॉ बीएस झा के वेश्म के सामने जम कर नारेबाज़ी की और कुलपति कार्यालय की नेम प्लेट में चूड़ी बांध कर विरोध जताया।
एनएसयूआई के पूर्व राष्ट्रीय संयोजक मनीष कुमार ने कहा कि जिस तरह रोम जल रहा था और नीरो बंसी बजा रहा था, उसी तरह यूनिवर्सिटी आंदोलन की तपिश में जल रही और कुलपति दिल्ली में बैठे हैं, छात्र नेता ने कहा कि कुलपति का बिल्कुल ही संवेदनहीन रवैया है, क्योंकि छ: माह पूर्व जूलॉजी की छात्रा ने कुलपति को लिखत आवेदन देते हुए विश्विद्यालय के एक पदाधिकारी पर महिला उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए कारवाई की मांग की थी, उस समय कई छात्र संगठनों के समक्ष कुलपति डॉ बीएस झा ने कारवाई का आश्वासन दिया था लेकिन करवाई ना कर उस आरोपी पदाधिकारी को परीक्षा नियंत्रक पद पर नियुक्त करवा दिया गया। छात्र नेता ने बताया कि जब इसकी जानकारी छात्र नेताओं को मिली तो संयुक्त छात्र संगठन ने प्रदर्शन कर इसका विरोध जताया तो आंदोलनरत छात्र नेताओं को पी एच डी से निलंबित कर दिया गया जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है।
छात्र राजद के निवर्तमान विश्विद्यालय अध्यक्ष सोनू यादव ने कहा कि कुलपति बिल्कुल ही संवेदनहीन है, छात्र नेताओं के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर विश्वविद्यालय छोड़कर दिल्ली चले गए हैं, जबकि इस मामले को लेकर विश्विद्यालय में लगातार विरोध प्रदर्शन का दौर चल रहा लेकिन कोई भी पदाधिकारी आंदोलन की शुद्धि लेने वाला नही है। ऑल इंडिया यूथ फेडरेशन के राष्ट्रीय परिषद के सदस्य शंभू क्रांति ने कहा कि कुलपति छात्रों पर दमन और अत्याचार की सीमा को पर कर चुके हैं, छात्र छात्राओं की लोकतांत्रिक आवाज़ को कुचलने की कोशिश की जा रही है। छात्र नेता सौरव यादव ने कहा कि कुलपति और पदाधिकारी के बीच अब न्याय और पुरुषार्थ नही बचा है, इसलिए सभी पदाधिकारी को चूड़ी पहनाया गया है, आइसा के विश्वविद्यालय अध्यक्ष और एआईएसएफ के राज्य कार्यकारिणी के सदस्य मौसम प्रिया ने कहा कि विश्वविद्यालय में कुलपति एवं पदाधिकारी के अंदर शर्म है हया नाम की कोई चीज नहीं बची है, आंदोलनकारी छात्र नेताओं पर कारवाई करना दर्शाता है कि कुलपति छात्र संगठनों से डर गए हैं और सभी भ्रष्ट एवं दागी पदाधिकारी का संरक्षक बन बैठे है।
आंदोलनकारियों ने कहा कि जल्द ही एक शिष्ट मंडल द्वारा कुलाधिपति से मिलकर कुलपति के काले कारनामा से अवगत कराया जाएगा ।
इस मौके पर भीम आर्मी के बिट्टू रावण, छात्र लोजपा के जसवीर , एआईएसएफ के छात्र नेता डॉ प्रभात रंजन, एनएसयूआई के अंकित झा, आइसा के एजाज अख्तर, राजकिशोर राज, छात्र राजद के नीतीश कुमार, निशिकांत कुमार, पप्पू कुमार, प्रभाष कुमार, नीतीश कुमार, प्रिंस कुमार, अमलेश कुमार मौजूद रहे।