पटना/बिहार (प्रेस विज्ञप्ति) : राज्य के सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों में आपदा प्रबंधन विषय की पढ़ाई शुरू करने के लिए राज्यपाल राजेन्द्र अरलेकर को आपदा प्रबंधन समन्वय समिति बिहार के चार सदस्यीय प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन सौंपा है। प्रतिनिधि मंडल में आर पी सिंह संयोजक, पीएमडीआरएफ के निदेशक सह संयोजक डॉ॰ फिरोज मंसूरी, कुलभूषण और शशांक कुमार शामिल थे।
प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने ज्ञापन के माध्यम से बताया कि भारत सरकार की नई शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मार्गदर्शन में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा निदेशों के आलोक में राज्य के विश्वविद्यालयों एवं सम्बध महाविद्यालयों में आपदा प्रबंधन विषय की पढ़ाई शुरू करना है, लेकिन यूजीसी के निर्देश के बावजूद अब तक यह महत्वपूर्ण विषय शुरू नहीं किया जा सका है।
ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि बिहार, देश का सर्वाधिक आपदा प्रवण राज्य है, जहां प्राकृतिक आपदा के साथ-साथ मानवीय आपदाओं से प्रत्येक वर्ष व्यापक पैमाने पर जान और माल की क्षति हो रही है। राज्य का 72 प्रतिशत क्षेत्र बाढ से प्रभावित है, साथ ही साथ 8 जिले भूकम्प के अतिसंवेदनशील जोन पांच में, 24 जिले संवेदनशील जोन चार में आते हैं। इसके अतिरिक्त राज्य में पिछले कुछ वर्षों में डूबने एवं वज्रपात से प्रत्येक वर्ष हजारों मृत्यु हो रही है, जिसमें ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में लोग प्रभावित हो रहे हैं।
डॉ॰ फिरोज मंसूरी ने राज्यपाल को कोसी और मिथिलांचल की बाढ़ सुखार से होने वाली जान माल की क्षति से अवगत करते हुए पुर्णिया विश्वविद्यालय और भूपेन्द्र नारायण विश्वविद्यालय में आपदा प्रबन्धन की पढ़ाई अविलम्ब कराने का आग्रह किया है । उन्होंने वैश्विक रुप में जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य की आपदाओं से संबंधित चुनौतियों के लिए आने वाली पीढी को जागरुक एवं संवेदनशील बनाये जाने को आवश्यक बताया।
ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल ध्यानाकृष्ट कराया गया कि राज्यपाल के प्रधान सचिव के समन्वय में 22 फरवरी, 2023 को बैठक हुई थी जिसमें में सत्र 2023_24 से इस विषय की पढ़ाई शुरू करने का निर्णय लिया गया। लेकिन अब तक आपदा प्रबंधन विषय की पढ़ाई शुरू करने को लेकर कोई ठोस पहल नहीं हो सका है, जिसके बाद राज्यपाल ने सुसंगत कार्रवाई का आश्वासन दिया है ।