BNMU : अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डेट विवि कर्मचारियों को सरकार ने दिया बड़ा झटका

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मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में बीते 20 दिन से वेतन भुगतान की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डेट विश्वविद्यालय मुख्यालय के कर्मचारियों को राज्य सरकार ने एक बड़ा झटका दे दिया है. राज्य सरकार के शिक्षा विभाग के उच्च शिक्षा विभाग ने पत्र जारी कर विश्वविद्यालय मुख्यालय के 86 कर्मचारियों में से 42 कर्मचारियों को हटाने का आदेश जारी कर दिया है. शिक्षा विभाग के द्वारा जारी पत्र के अनुसार इन 42 कर्मचारियों के द्वारा कार्य लिया जाना पूर्णतः अवैध है. उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी द्वारा चार नवंबर 2023 को जारी पत्र के अनुसार 42 कर्मियों को पत्र प्राप्ति के साथ कारण बताओ नोटिस करते हुए कार्य मुक्त किया जाये.

  पत्र के अनुसार वर्ग-4 के विरूद्ध की गई थी 36 व्यक्तियों की नियुक्ति : उच्च शिक्षा निदेशक द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा 42 कर्मियों की नियुक्ति स्नातकोत्तर विभाग में की गई थी. जिसमें 36 व्यक्तियों की नियुक्ति वर्ग-4 के विरूद्ध की गई थी. इनमें से किसी भी नियुक्ति में बिहार विश्वविद्यालय अधिनियम, 1976 की धारा 35 / 2 के तहत बिहार सरकार से पूर्वानुमति नहीं ली गई थी. साथ ही भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में पदसृजन के क्रम में विभागीय पत्रांक- 2052 दिनांक 16.12.1998 द्वारा यह स्पष्ट किया गया था कि चतुर्थ वर्ग के कर्मियों की नियुक्ति नहीं की जायगी तथा संविदा के आधार पर नियोजन कर कार्य लिया जायेगा. विश्वविद्यालय द्वारा स्पष्ट निदेश के विपरीत वर्ग-04 के कर्मियों की नियुक्ति स्नातकोत्तर विभाग में की गई.

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उच्च शिक्षा निदेशक ने 42 कर्मियों को कार्य मुक्त करने का दिया निर्देश : उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जारी पत्र में उच्च शिक्षा निदेशक रेखा कुमारी ने कहा कि विभाग की समीक्षात्मक बैठक में यह स्पष्ट हुआ है कि 42 कर्मियों से कार्य लिया जा रहा है, यह पूर्णतः अवैध है एवं विभाग के स्पष्ट निदेश के बाद भी इनकी नियुक्ति किया जाना एवं उनसे कार्य लिया जाना पूर्णतः अवैध है एवं इसके लिए अनुशासनिक एवं कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. उन्होंने कहा कि 42 कर्मियों को पत्र प्राप्ति के साथ कारण बताओ नोटिस करते हुए कार्य मुक्त किया जाये. इस आदेश की अवहेलना से जो भी वित्तीय दायित्व उत्पन्न होगा उसकी भरपाई मानदेय भुगतान करने वाले सभी कर्मियों एवं पदाधिकारियों से करने के साथ-साथ अनुशासनिक कानूनी कार्रवाई भी की जायगी.

 इन कर्मियों को कार्य मुक्त करने का दिया गया है निर्देश : जारी पत्र के अनुसार दयानंद कुमार, अभय कुमार, सुरेन सिंह, रविंद्र कुमार, योगेंद्र महतो, महेश कुमार यादव, अशोक कुमार, केसरी, मो गफ्फार आलम, राम नरेश भारती राजेश कुमार, शंभू यादव, रविंद्र कुमार, गणेश कुमार, मो इरशाद, पवन कुमार, जनेश्वरी यादव, जय कृष्ण यादव, अब्दुल सत्तार, मुरलीधर यादव, सुरेंद्र कुमार, सच्चिदानंद यादव, मो शाहिद, श्याम सुंदर साह, सज्जन कुमार, परमेश्वरी शर्मा, जोजन ठाकुर, मो कमालुद्दीन, गौरी शंकर पोद्दार, राजकिशोर कामती, हलीम हसन, कुमार पुष्पराज प्रताप, रतन कुमार, कुशेश्वर यादव, दशरथ यादव, विनोद यादव, संतोष कुमार रजक, सुशील मल्लिक, शत्रुघन राम, ललन मल्लिक, रविंद्र कुमार रजक, रंजीत मल्लिक एवं शांति देवी को कार्य मुक्त करने का निर्देश दिया गया है. इस पत्र में खास बात यह है कि जिन 42 कर्मचारियों को कार्य मुक्त करने का निर्देश दिया गया है उनमें से चार कर्मचारी का निधन हो चुका है. जिसमें अब्दुल सत्तार, जोजन ठाकुर, दशरथ यादव एवं संतोष कुमार रजक शामिल हैं.

अमित अंशु की रिपोर्ट


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