मधेपुरा/बिहार : भूपेंद्र नारायण मण्डल विश्वविद्यालय के सेवा शिक्षक संघ (बीएनमुस्टा) द्वारा मंगलवार से विश्वविद्यालय परिसर स्थित गांधी प्रतिमा के निकट चार माह के लंबित वेतन भुगतान को लेकर धरना दिया गया. मौके पर उपस्थित शिक्षकों ने कहा कि जून 2023 से वेतन शिक्षा विभाग से स्वीकृत होकर विश्वविद्यालय में पड़ा हुआ है और इसके वितरण को लेकर विश्वविद्यालय प्रशासन उदासीन बना हुआ है. बीएनमुस्टा द्वारा 15 दिन पूर्व विश्वविद्यालय परेशान को वेतन निर्गत करने के लिए मेमोरेंडम दिया गया था, लेकिन विश्वविद्यालय द्वारा संज्ञान नहीं लेने पर धरना शुरू किया गया है. उन्होंने बताया कि 14 अक्टूबर को काला बिल्ला लगाकर शिक्षकों ने विरोध दर्ज किया था. इसके बाद सभी शिक्षकों द्वारा 16 अक्टूबर को कलमबंद हड़ताल किया गया और बीएनएमयू कुलपति प्रो डा राजनाथ यादव के साथ संघ के प्रतिनिधि मंडल द्वारा बातचीत भी की गयी, लेकिन वेतन भुगतान को लेकर अनिश्चितता बनी रही.
शिक्षक भी होते हैं इंसान, उनके ऊपर भी होती है परिवार की जिम्मेदारी : मौके पर उपस्थित डा अबुल फजल ने कहा कि पिछले चार माह से विश्वविद्यालय में वेतन पड़े रहने एवं इसके भुगतान को लेकर निष्क्रियता व संवेदनहीनता के खिलाफ मंगलवार से शांतिपूर्ण धरना दिया जा रहा है, जो वेतन भुगतान तक जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि चार माह का नहीं मिलने के कारण शिक्षकों के सामने बहुत सारी परेशानियां आ गई है. शिक्षकों की ऊपर भी अपने परिवार की जिम्मेदारियां होती है. शिक्षक भी इंसान होते हैं और वेतन शिक्षकों के लिए भी जरूरी है. वेतन विश्वविद्यालय में आकर रखा हुआ है लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन कोई निर्णय नहीं ले पा रहा है.
सोई हुई है विश्वविद्यालय प्रशासन, शिक्षकों के प्रति नहीं है कोई हमदर्दी : डा नरेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि शिक्षक मजबूरी में आकर धरना पर बैठे हैं. विश्वविद्यालय प्रशासन सही समय पर वेतन दे दिया होता तो शिक्षकों को धरना पर बैठने की कोई आवश्यकता नहीं थी. सबसे बड़े आश्चर्यजनक बात यह है कि लगभग दो महीने से वेतन आकर विश्वविद्यालय में रखा हुआ है और यहां पर टेनिस बॉल की तरह इस कोर्ट से उस कोर्ट बॉल को फेका जा रहा है. उन्होंने कहा कि हमलोगों का एक ही मांग है कि विश्वविद्यालय प्रशासन हमलोगों का जल्द से जल्द वेतन भुगतान करें. डा नवीन कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय में चार माह का वेतन आ चुका है और विश्वविद्यालय प्रशासन सोई हुई है. शिक्षकों के प्रति कोई हमदर्दी नहीं जता रहे हैं. उन्होंने कहा कि जब तक वेतन नहीं मिलेगा धरना जारी रहेगा.
विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी छात्रों के नुकसान की जिम्मेवारी : शिक्षकों ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन के इस उदासीन एवं लचर रवैये के कारण छात्र-छात्राओं के पठन-पाठन के होने वाले नुकसान की सारी जिम्मेवारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी. मौके पर डा नवीन कुमार, डा अबुल फजल, डा नरेंद्र श्रीवास्तव, डा अशोक कुमार, डा अशोक कुमार सिंह डा उषा सिन्हा, डा राणा सुनील कुमार सिंह, डा पीएन सिंह, डा बीके दयाल, डा रमेश कुमार, डा अरुण कुमार, डा मोनिका, डा पूजा गुप्ता, प्रियंका, डा पंचनंद मिश्रा, डा अशीम राय, डा आनंद कुमार सिंह, डा सदय कुमार, डा प्रफुल्ल कुमार, डा एहसान, डा अशोक कुमार, डा शंभु प्रसाद सिंह, डा दिनेश यादव, डा बिमल सागर, डा अरविंद कुमार, डा बीबी मिश्रा, डा शशांक मिश्रा, डा विनय कुमार चौधरी, डा कामेश्वर कुमार समेत अन्य शिक्षक उपस्थित थे.
अमित अंशु की रिपोर्ट