BNMU : वर्तमान कुलपति के तीन साल में शिक्षक, छात्र , कर्मचारी सब रहे परेशान – एआईएसएफ

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मधेपुरा/बिहार : बुधवार को बीएनएमयू मुख्य द्वार पर वाम छात्र संगठन एआईएसएफ की बीएनएमयू इकाई ने कुलपति विरोधी नारेबाजी करते हुए उनका पुतला दहन किया।बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर के नेतृत्व में हुए पुतला दहन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एआईवाईएफ राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शंभू क्रांति ने कहा कि वर्तमान समय में बीएनएमयू में चारो ओर त्राहिमाम मचा है विश्वविद्यालय परिसर में ही पांच महीनों से वेतन नहीं मिलने के कारण बेहतर इलाज के अभाव में एक शिक्षिका की मां का देहांत होना उसके बाद भी वेतन भुगतान नहीं होना शर्मनाक है।इतना होने के बाद भी कुलपति का शांत रहना बीएनएमयू का दुर्भाग्य लगता है। एआईएसएफ के पूर्व संयुक्त जिला सचिव सह एआईवाईएफ जिला सचिव सौरव कुमार ने कहा कि बीएनएमयू में अधिकारियों की मनमानी चरम सीमा पार कर चुकी है।भ्रष्टाचार चरम पर है नैक के नाम पर लाखो का खेल चल रहा है,गर्ल्स हॉस्टल वादों में सिमट कर रह गया है, तीस साल के विश्वविद्यालय का अपना जर्नल नहीं होना विकास के दावे को चिढ़ाता प्रतीत होता है।वर्तमान कुलपति के तीन साल का कार्यकाल शिक्षक,छात्र,कर्मचारियों को रुलाने वाला साबित हुआ।

शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर नहीं ला सके पटरी पर वर्तमान कुलपति : कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संगठन के बीएनएमयू प्रभारी हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि बीएनएमयू परिसर के बीएड विभाग में पैसों के अभाव में बेहतर इलाज न होने से मां की मौत के बाद भी शिक्षिका सहित बीएड एमएड के शिक्षकों, बीएनएमयू कर्मचारियों, पेंशनर्स का महीनों का वेतन भुगतान नहीं होना, एडमिशन, एग्जाम, रिजल्ट के लिए छात्रों को परेशान करना हठधर्मिता है। इसके दोषी पदाधिकारियों को पीड़ितों की आह लगनी चाहिए। निशुल्क शिक्षा में कई माह पहले तीन करोड़ रुपए सरकार से मिलने के बाद भी उसे छात्रों को नहीं लौटना गोलमाल की साजिश बताता है। वहीं राठौर ने बात बात पर एडमिशन और परीक्षा की तिथि बढ़ाने और विस्तारित करने की निंदा की और कहा की प्रशासनिक स्तर पर सोच समझ कर तिथि तय होनी चाहिए। वर्तमान कुलपति के तीन साल का कार्यकाल में व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी साबित हुई। राठौर ने मांग किया की अविलंब मुख्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग के पीड़ित शिक्षिका सहित सभी शिक्षकों का वेतन भुगतान हो और निशुल्क शिक्षा मद में सरकार से प्राप्त तीन करोड़ रुपए संबंधित छात्रों को लौटाया जाए अन्यथा यह आंदोलन और तीव्र रूप लेगा।

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कार्यक्रम में आशुतोष, रमन, प्रकाश, सूरज, ओर्विन, सुकेश, प्रभात, सुमन, ज्योति आदि उपस्थित रहे।


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