दोषियों पर कारवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है बीएनएमयू – एआईएसएफ

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मधेपुरा/बिहार : बी एन मंडल विश्वविद्यालय पर वाम छात्र संगठन एआईएसएफ के राष्ट्रीय परिषद सदस्य हर्ष वर्धन सिंह ने दोषियों को संरक्षण देने एवम् पीड़ितों के साथ न्याय नहीं करने का बड़ा आरोप लगाया है। संगठन के नेता हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कुलपति को पत्र लिख इस संबंध में गहरी नाराजगी और शिकायत दर्ज की है। लिखे पत्र में राठौर ने कहा बीएड में सत्र 2020-22 में ऑन स्पॉट एडमिशन के नाम पर हुए व्यापक धांधली एवम् रोस्टर की अनदेखी की लगातार शिकायत और आंदोलन के बाद नौ जनवरी 2021 को सिंडिकेट की बैठक में जांच कमिटी बना मामले की जांच कर कारवाई का निर्णय लिया गया। जो अभी तक अधूरा है जिससे बीएनएमयू की नियत पर ही संदेह गहरा होता जा रहा है।

 जांच और कारवाई के बजाय हमेशा मामले को दबाने की चली साजिश : वाम छात्र नेता राठौर ने बीएनएमयू की व्यवस्था पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि सिंडिकेट के आदेश के बाद कमिटी बनाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई गई फिर एआईएसएफ के आंदोलन पर एक माह बाद  24 फरवरी को कमिटी का गठन हुआ उसमें भी संयोजक, सचिव, जांच रिपोर्ट जमा करने की अवधि के उल्लेख नहीं होने की शिकायत पर सुधार कर दस दिन में रिपोर्ट देने की बात कही गई लेकिन बीएनएमयू की लचर व्यवस्था के चलते दस दिन की जगह डेढ़ साल से अधिक समय लग गए जांच पूरा होने में। अर्धनग्न, पुतला दहन, अर्थी जुलूस, श्राद्ध कर्म, बाल मुंडवाने, चूड़ी भेंट करने जैसे आंदोलनों एवम् लगातार सिंडिकेट में फजीहत के बाद जांच कमिटी ने पूरे डेढ़ साल बाद सात मई 2022 को रिपोर्ट कुलपति को सौंपी। लेकिन विश्वविद्यालय को डर इतना रहा कि रिपोर्ट को सार्वजनिक करने एवम् शिकायतकर्ता को रिपोर्ट की कॉपी देने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था बीएनएमयू। इस मामले में एआईएसएफ द्वारा लगातार छीछालेदर करने के बाद कुलपति को रिपोर्ट जमा करने के तीन महीने बाद शिकायतकर्ता को रिपोर्ट जमा की गई थी।

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जांच रिपोर्ट में आरोप सिद्ध होने पर एक साल बाद भी करवाई की हिम्मत नहीं : बीएनएमयू सिंडिकेट द्वारा ही गठित डीएसडब्लू के संजोकत्व में बनी जांच टीम के रिपोर्ट में साफ तौर पर माना गया है कि एआईएसएफ द्वारा लगाए गए आरोप के अनुसार बीएड के लगभग सभी कॉलेजों में कुछ न कुछ दोष साफ तौर पर है। जांच रिपोर्ट में बीएनएमयू परिसर शिक्षा शास्त्र विभाग में बड़े स्तर पर रोस्टर की अनदेखी, टी पी कालेज, पी एस कॉलेज, एम एल टी कॉलेज में भी रोस्टर की अनदेखी अथवा कम अंक वाले छात्रों के एडमिशन की शिकायत सही पाई गई है। जांच कमिटी ने मुख्यालय शिक्षा शास्त्र विभाग का मामला कोर्ट में होने की बात कह अन्य जगहों पर अग्रेतर कारवाई की मांग की थी। राठौर ने कहा है कि आखिर बीएनएमयू की ऐसी क्या मजबूरी है कि बीएड प्रकरण में दोषियों पर कार्रवाई की हिम्मत नहीं दिखाई जा रही। राठौर ने शंका व्यक्त किया कि कहीं ऐसा तो नहीं कि एडमिशन के इस काले खेल में बड़े पदाधिकारीगण की भी भूमिका है। एआईएसएफ नेता राठौर ने पत्र के द्वारा मांग किया है कि अविलंब इस मामले में उचित कारवाई हो अन्यथा एक बार फिर बड़े स्तर पर आंदोलन के तहत पोल खोल आंदोलन की शुरुआत होगी।


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