एक ओर शिक्षक दिवस की धूम दूसरी ओर शिक्षा शास्त्र विभाग में शिक्षकों को पांच माह से वेतन नहीं : एआईएसएफ

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मधेपुरा/बिहार : मंगलवार को एक तरफ देश के अलग अलग हिस्सों की तरह बीएनएमयू के विभिन्न विभागों में शिक्षक दिवस की धूम मची रही छात्रों द्वारा दिनभर वरीय पदाधिकारियों सहित अपने चहेते शिक्षकों को उपहार दे सम्मानित करने का हुजूम उमड़ा रहा लेकिन दूसरी ओर बीएमएमयू परिसर के शिक्षा शास्त्र विभाग के शिक्षकों द्वारा पांच माह से वेतन नहीं मिलने से आर्थिक, पारिवारिक, शैक्षणिक पीड़ा की शिकायत वाली कुलपति को चार सितंबर को लिखे पत्र के सामने आने पर वाम छात्र संगठन एआईएसएफ ने कड़ी नाराजगी जताते हुए इसे अक्षम्य अपराध बताया है। साथ ही उस पत्र का हवाला देते हुए संगठन के राष्ट्रीय परिषद सदस्य हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा शिक्षकों के आर्थिक एवम् मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवम् शिक्षा मंत्री  को पत्र लिख बीएनएमयू के पदाधिकारियों के कुंठित मानसिकता को उजागर किया है।

लिखे पत्र में छात्र नेता राठौर ने कहा है कि यह कैसी विडम्बना है कि एक ओर पूरा देश शिक्षक दिवस के जश्न में डूब अपने शिक्षकों का सम्मान कर रहा है दूसरी ओर बीएनएमयू मे कुलपति कार्यालय से महज सौ मीटर की दूरी पर अवस्थित शिक्षा शास्त्र विभाग में बीएड एवम् एम एड के शिक्षकों का समूह पांच माह से वेतन के लिए याचना कर रहा है अंत में पांच माह बाद भी वेतन नहीं मिलने के बाद थक हार कर आंदोलन की चेतावनी तक दे दी जो निसंदेह उनके सब्र के बांध टूटने का सूचक है। राठौर ने आशंका व्यक्त किया कि कमीशन की चाहत में वरीय पदाधिकारी वेतन जारी करने के बजाय फाइल को को बेवजह इधर से उधर घुमा रहे हैं।

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 मोहर्रम और रक्षाबंधन में भी वेतन नहीं दे बीएनएमयू ने मानवता को भी किया कलंकित : एआईएसएफ नेता राठौर ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में रुकी सैलेरी को पर्व त्यौहार के अवसर पर जारी करने का इतिहास रहा है।पर्व त्यौहार में भी बिना कारण वेतन नहीं देने का यह पहला और मानवता को भी शर्मसार करने वाली घटना है।वेतन नहीं मिलने के बाद पर्व कैसा रहा होगा उसकी कल्पना की जा सकती है ।वेतन के अभाव में फीका रहे पर्व की आह पदाधिकारी को लगनी चाहिए।

 स्वपोषित विभाग में वेतन रोकने का कोई मतलब ही नहीं : लिखे पत्र में राठौर ने बीएनएमयू की कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए कहा है कि शिक्षा शास्त्र विभाग स्वपोषित विभाग है जिसमें वेतन सहित अन्य खर्च की राशि पहले ही जमा रहती है जिससे वेतन हमेशा समय पर मिलता रहे।बीएनएमयू मुख्यालय को छोड़ हर जगह समय पर वेतन मिल रहा है। राठौर ने यह भी कहा कि विश्वस्त सूत्रों की मानें तो बीएनएमयू मुख्यालय के शिक्षा शास्त्र विभाग में कभी भी समय पर वेतन नहीं मिलता हर बार शिक्षकों को वेतन के लिए संघर्ष करना पड़ता है जो दुखद है।राठौर ने पत्र में बीएनएमयू प्रशासन को साफ चेताया है कि अगर शनिवार तक वेतन जारी नहीं होती है तो कुलपति कार्यालय अनिश्चितकालीन तालाबंदी के लिए तैयार रहे। जब कुलपति के कान के नीचे स्थित स्वपोषित विभाग में पांच माह से शिक्षकों का वेतन नहीं मिल सकता तो फिर कार्यालय और चेयर का औचित्य ही क्या।


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