मुरलीगंज/मधेपुरा/बिहार : बिहार राज्य आशा संयुक्त संघर्ष मंच के अहवान पर नौ सूत्री मांगो के समर्थन में 12 जुलाई से आशा कर्मियों की बेमियादी हड़ताल जारी है। आशा कर्मियों ने हड़ताल के 30 वां दिन गुरुवार को समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर अपने हाथों पर मेहंदी रचकर सरकार का विरोध किया। आशा कर्मियों ने हाथों मेहंदी से नीतीश-तेजस्वी खोलो कान नही तो होगा चक्का जाम नारे रचे थे। आशा कर्मियों के हड़ताल से स्वास्थ्य विभाग का कामकाज ठप है। इसके बावजूद सरकार और स्वास्थ्य विभाग उदासीन बने हैं।
प्रखंड आशा संघ अपनी नौ सूत्री मांगो के समर्थन में जोरदार प्रदर्शन कर विभाग और सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। हड़ताल से स्वास्थ्य संबंधी अन्य कार्य भी प्रभावित है। इतना हीं नहीं भारत सरकार का महत्वपूर्ण ‘मिशन इन्द्रधनुष’ कार्यक्रम आशा कर्मियों के हड़ताल के कारण रद्द हो गया। जो सात अगस्त से मिशन इन्द्रधनुष के तहत सर्वे कार्य होना था। बेमियादी हड़ताल के कारण टीकाकरण, प्रसव व प्रसव उपरांत देखभाल कार्य पूरी तरह प्रभावित है। लेकिन आशा कर्मियों अपने मांगो पर अड़े हैं। लेकिन सरकार और विभाग आशा कर्मियों के मांगो को नजरअंदाज किये हुए हैं।
आशा कर्मियों ने पारितोषिक नही मासिक मानदेय चाहिए, एक हजार में दम नही, दस हजार मासिक मानदेय से कम नही, स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी घोषित करने, आशा फैसिलिटेटर को 30 दिन का भ्रमण भत्ता पांच सौ भुगतान करने सहित नौ सूत्री मांग कर रहे हैं। मंगलवार को थाली पिटकर विरोध प्रदर्शन किया।
मौके पर आशा संघ के अध्यक्ष शशी देवी, उपाध्यक्ष कंचन देवी, कोषाध्यक्ष फुल कुमारी, सचिव रिंकू देवी, ललिता कुमारी, नीतू कुमारी, गुलाबी देवी, पारसमैन देवी, प्रमिला देवी, पुनिता देवी, बीबी खातुन, कल्पना कुमारी, मुन्नी देवी, सहित दर्जनो आशा कर्मी मौजूद थी।
मिथिलेश कुमार की रिपोर्ट