मधेपुरा/बिहार : व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित एडीजे छह सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो अभिषेक कुणाल की अदालत ने नाबालिक के साथ दुष्कर्म करने के मामले में जिला मुख्यालय के जगजीवनपथ स्थित आदित्य इन्फोटेक के संचालक सुनील कुमार दास को आजीवन कारावास एवं एक लाख रुपये आर्थिक दंड की सजा सुनाई है. मामले में सूचक नाबालिग पीड़िता के पिता के अनुसार उनकी सातवी वर्ग में पढ़ने वाली 13 वर्षीय पुत्री मार्च 2018 में इंग्लिश स्पीकिंग का क्लास करने के लिए जिला मुख्यालय के जगजीवनपथ स्थित आदित्य इन्फोटेक जाने की इच्छा व्यक्त की. जिसके बाद पीड़िता के पिता ने संस्थान के संचालक सुनील कुमार दास से बात की और पीड़िता संस्थान में पढ़ने के लिए जाना शुरु कर दी. संस्थान में पढ़ने के जाने के दौरान ही 28 जुलाई 2018 को पीड़िता ने अपनी मां को स्वास्थ्य संबंधित कुछ गड़बड़ी की शिकायत की. जिसके बाद पीड़िता की मां के द्वारा जांच के लिए पीड़िता को डॉक्टर के पास ले जाया गया तो जांच में पता चला कि पीड़िता गर्भवती है. जब पीड़िता से उसके माता-पिता ने मामले को लेकर बात किया तो पीड़िता ने अपने साथ हुये घटना की सारी जानकारी दी. उसने बताया कि किस तरह सुनील कुमार दास ने उसके साथ दुष्कर्म किया तथा भय के कारण पीड़िता ने यह बात किसी को नहीं बताई.
घटना की जानकारी मिलते ही पीड़िता के पिता ने सुनील कुमार दास को फोन किया तो उसने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया तथा फरार हो गया. जिसके बाद उन्होंने महिला थाना में मामला दर्ज कराया. पीड़िता ने 164 के बयान तथा न्यायालय के बयान में अपने साथ हुई घटना की पुष्टि की तथा अभियुक्त सुनील कुमार दास की पहचान की. घटना के अन्य गवाह, सूचक एवं जांच अधिकारी ने भी घटना की पुष्टि की. मामले में राज्य की ओर से बहस विशेष लोक अभियोजक विजय कुमार मेहता एवं बचाव पक्ष की ओर से बहस शशिधर सिंह एवं शंभूनाथ शर्मा कर रहे थे.
अमित अंशु की रिपोर्ट