मधेपुरा/बिहार : विगत दिनों हार्ट अटैक से असमय बीएनएमयू परीक्षा नियंत्रक प्रो आर पी राजेश के निधन के बाद वाम युवा संगठन एआईवाईएफ ने शोक सभा आयोजित कर उन्हे नमन किया। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संगठन के जिला अध्यक्ष हर्ष वर्धन सिंह राठौर ने कहा कि स्थापना काल से अब तक के सफर में पहली दफा बीएनएमयू को एक ऐसा परीक्षा नियंत्रक मिला जो हर विध्न बाधा को चीरते हुए हर हाल में सत्र नियमित करने को संकल्पित रहे । रविवार और छुट्टी के दिनों में भी दिन रात एक कर उन्होंने स्थापना काल अनियमित सत्र का दंश झेल रहे बीएनएमयू को नई पहचान दी। उनके भागीरथी प्रयास का ही फल था कि पटना विश्वविद्यालय के बाद नियमित सत्र के मामले में बीएनएमयू पहले स्थान पर आ गया था और जल्द ही पटना विश्वविद्यालय के समकक्ष आने के कगार पर था इसी बीच में अचानक प्रो आर पी राजेश के निधन से इस रफ्तार पर ब्रेक लग गया जो दुखद है। उनके असमय जाना विशेष कर बीएनएमयू की बदलती छवि पर असर डालेगा खासकर समाज के हर वर्ग के लिए समान सुलभ रहना और उनके समस्याओं के निराकरण करना सदैव उन्हें लोगों के दिल में जिंदा रखेगा।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य शम्भु क्रांति ने कहा कि प्रो आर पी राजेश का अचानक जाना बीएनएमयू को किसी की नजर लगने जैसा रहा। कोरोना जैसे विनाशकारी दौर में जिस प्रकार प्रो राजेश ने परीक्षा का संचालन किया वह उनके विलक्षण प्रशासनिक कार्यशैली का जीवंत प्रमाण था।शोक सभा का संचालन करते हुए संगठन के जिला सचिव सौरव कुमार ने कहा कि दुख की इस घड़ी में वाम युवा संगठन एआईवाईएफ शोक संतप्त परिवार के साथ खड़ा है। यह बीएनएमयू सहित इस क्षेत्र की शैक्षणिक व्यवस्था की अपूरणीय क्षति है। उन्होंने कहा कि प्रो आर पी राजेश को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि परीक्षा विभाग की जिम्मेदारी वैसे कंधों को सौंपा जाए जो उनके सत्र नियमित के संकल्प को मंजिल तक ले जा सके।
शोक सभा में राजा, बिक्रम, अखिलेश, राजीव, रजनीश, शंकर, सुमन, उमा शंकर, प्रकाश आदि उपस्थित रहे।